ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News Astrologysharad purnima 2018 know about muhurat puja vidhi importance of kheer and vrat katha

शरद पूर्णिमा 2018: आज सारा जगत होगा कृष्णमय, पढ़ें कथा और गाय के दूध से बनी खीर का रहस्य

sharad purnima 2018: वर्ष की सभी पूर्णिमाओं में शरद पूर्णिमा अनूठी है। उस दिन कामदेव और रति का जादू प्रकृति पर सर्वत्र छाया नजर आता है। साधु, गृहस्थ, युवा, बूढ़े नई ऊर्जा से भरे होते हैं। प्रथम पूज्य...

शरद पूर्णिमा 2018: आज सारा जगत होगा कृष्णमय, पढ़ें कथा और गाय के दूध से बनी खीर का रहस्य
सार्थक मिश्रWed, 24 Oct 2018 09:55 PM
ऐप पर पढ़ें

sharad purnima 2018: वर्ष की सभी पूर्णिमाओं में शरद पूर्णिमा अनूठी है। उस दिन कामदेव और रति का जादू प्रकृति पर सर्वत्र छाया नजर आता है। साधु, गृहस्थ, युवा, बूढ़े नई ऊर्जा से भरे होते हैं। प्रथम पूज्य गणेश नृत्य गणपति बन देवता, मनुष्य, पशु-पक्षी सबके साथ मधुर संगीत की सुर-ताल के बीच मस्ती में नाच रहे होते हैं। कोई विघ्न नहीं है।

महारास खेलने में मग्न हो जाते हैं राधा-कृष्ण
समूची सृष्टि राधे-कृष्ण, राधे-कृष्ण कर रही होती है। चंद्र देव अपनी 27 पत्नियों- रोहिणी, कृत्तिका आदि नक्षत्रों के साथ अपनी पूरी कलाओं से भरे इस रात सभी को तृप्त करने में जुट जाते हैं। राधा-कृष्ण दोनों शरद पूर्णिमा को महारास खेलने में मग्न हो जाते हैं। इन्द्र और महालक्ष्मी पूजन करते हुए कोजागर व्रत भी संपन्न होता है। पूरी रात जागना होता है एकाग्रचित होकर ईश्वर की आराधना में। चंद्रमा भी एकटक राधा-कृष्ण को महारास करते देखता रहता है।

शरद पूर्णिमा 2018: साल में एक बार खास दर्शन देते हैं ठाकुर बांकेबिहारी

कृष्ण को अपना पति बनाने के लिए ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री माता कात्यायनी से प्रार्थना करती गोपियां व्रत पूर्ण कर शरीर सुखा चुकी थीं। आश्विन शुक्ल पक्ष में दिन प्रतिदिन बढ़ता चंद्रमा उन्हें विरह अग्नि में जला रहा था। आश्विन पूर्णिमा हुई। किसी तरह गोपियों का दिन बीता। रात हुई तो चंद्रमा ने बांसुरी की मनमोहक तान छेड़ दी। पूर्ण मुखमंडल से दर्शन दिए। महापुराण श्रीमद्भागवत में लिखा है- देवी-देवताओं में होड़ लगी है। सब विमान में सवार होकर एकटक देख रहे हैं। शुरू में अधूरी इच्छाओं से पैदा हुई वासना धीरे-धीरे लुप्त हो रही है। भगवान विरह में डूबी गोपियों को क्षण-क्षण का आनंद दे रहे हैं। अद्भुत कृष्णलीला है। गोपियों के ऐसे भाग्य से चंद्रमा ने सिर झुका लिया है। गोपियां अपने को धन्य मान रही हैं कि भगवान ने उन्हें दर्शन दिए हैं।

शरद पूर्णिमा में है ईश्वरीय शांति
भगवान कृष्ण धीरे-धीरे नाच रहे हैं, सब गोपियों के साथ। संगीत के अद्भुत जादू में बांसुरी की मोहक धुन है। मदहोश गोपियों को कुछ पता ही नहीं है। योगेश्वर श्रीकृष्ण सभी के साथ अलग-अलग, लेकिन एक ही रूप में हैं। भगवान कृष्ण सचमुच प्रकट हो गए हैं। शरद पूर्णिमा में तो ईश्वरीय शांति है।

शरद पूर्ण‍िमा 2018: जानें किस दिन है पूर्णिमा, क्या है पूजा विधि

छत पर रखी जाती है गाय के दूध से बनी खीर
शरद पूर्णिमा में रात को गाय के दूध से बनी खीर या दूध छत पर रखने का प्रचलन है। मान्यता है कि चंद्र देव द्वारा बरसाई जाने वाली चांदनी, खीर या दूध को अमृत से भर देती है। इस दिन रावण अपनी नाभि पर चंद्रमा की किरणों को लेकर पुन: शक्तिशाली होता था। 

शरद पूर्णिमा 2018: करें ये 4 काम, घर पर होगी धन की बरसात

चंद्रमा की पूजा करने का विधान 
मन के स्वामी चंद्र देव हैं। इसलिए शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा करने का विधान भी है, जिसमें उन्हें पूजा के अंत में अर्घ्य भी दिया जाता है। हेमंत ऋतु आज से ही शुरू होती है। लक्ष्मी के भाई चंद्रमा इस रात पूजा-पाठ करने वालों को शीघ्रता से फल देते हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें