मकर राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से कब मिलेगी मुक्ति? जानिए कुंडली में कैसे बनती है शनि की साढ़ेसाती दशा
शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में न्याय देवता माना जाता है। कहा जाता है कि शनि व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। मकर राशि के स्वामी ग्रह शनि हैं। वर्तमान समय में शनि मकर राशि पर संचार कर...

शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में न्याय देवता माना जाता है। कहा जाता है कि शनि व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। मकर राशि के स्वामी ग्रह शनि हैं। वर्तमान समय में शनि मकर राशि पर संचार कर रहे हैं। इस राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है। शनि करीब ढाई साल बाद 2022 में राशि परिवर्तन करेंगे तो उससे धनु राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी। जबकि मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रथम चरण शुरू हो जाएगा। जानिए शनि की साढ़ेसाती से मकर राशि वालों को कब मिलेगा छुटकारा?
शनि देव 29 मार्च 2025 में मीन राशि में गोचर करेंगे। शनि देव के मीन राशि में गोचर करने पर मकर राशि वालों शनि की साढ़ेसाती की महादशा से मुक्ति मिल जाएगी। मीन राशि वालों के साथ मेष व कुंभ राशि वालों पर भी शनि की साढ़ेसाती शुरू होगी।
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शनि की साढ़ेसाती दशा कैसे बनती हैं?
जब कुंडली में जन्मराशि से शनि द्वादश या द्वितीय स्थान में स्थित होते हैं तो यह स्थिति शनि की साढ़ेसाती कहलाती है। माना जाता है कि इस दौरान जातक को मानसिक व शारीरिक कष्टों का सामना करना पड़ता है। शनि एक ही राशि में करीब ढाई साल तक रहते हैं। जिसका प्रभाव उस राशि समेत एक राशि पहले से एक राशि बाद तक पड़ता है। वहीं शनि गोचर किसी राशि के चौथे या आठवें भाव में होता है तो यह स्थिति ढैय्या कहलाती है।
शनिदोष दूर करने के उपाय-
पीपल के पेड़ में हर दिन जल चढ़ाने से लाभ मिलता है। जरूरतमंदों को मदद करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। भगवान शंकर व हनुमान जी की पूजा-अर्चना से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं। शनि मंत्रों का जाप करने से भी शनि देव अपनी कृपा बरसाते हैं।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)