Sawan Monday : सावन का तीसरा सोमवार आज, इस विधि से करें पूजा- अर्चना, नोट कर लें पूजा का शुभ समय और सामग्री की लिस्ट
Sawan Monday : इस समय सावन का पावन महीना चल रहा है। सावन के सोमवार का महत्व बहुत अधिक होता है। सावन का तीसरा सोमवार आज है। सावन माह भगवान शंकर को समर्पित होता है। इस माह में...
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Sawan Monday : इस समय सावन का पावन महीना चल रहा है। सावन के सोमवार का महत्व बहुत अधिक होता है। सावन का तीसरा सोमवार आज है। सावन माह भगवान शंकर को समर्पित होता है। इस माह में भगवान शंकर की विशेष पूजा- अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में भगवान शंकर का वास पृथ्वी लोक में ही होता है। सावन में भगवान शंकर की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। सावन के सोमवार पर भगवान शंकर के साथ ही माता पार्वती और गणेश भगवान की भी विधि- विधान से पूजा- अर्चना करनी चाहिए। किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की अराधना जरूर करें।आइए जानते हैं सावन के तीसरे सोमवार की पूजा- विधि और शुभ मुहूर्त....
पूजा- विधि
- सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
- शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं।
- भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें।
- भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें।
- भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
- भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें।
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सावन का चौथा सोमवार कब पड़ेगा-
- सावन माह का चौथा सोमवार 16 अगस्त को पड़ेगा।
पूजा का शुभ समय-
- ब्रह्म मुहूर्त- 04:22 ए एम से 05:04 ए एम
- अभिजित मुहूर्त- 12:00 पी एम से 12:53 पी एम
- विजय मुहूर्त- 02:40 पी एम से 03:33 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त- 06:53 पी एम से 07:17 पी एम
- सायाह्न सन्ध्या- 07:06 पी एम से 08:10 पी एम
- अमृत काल- 08:12 ए एम से 09:50 ए एम
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भगवान शिव की पूजा में प्रयोग होने वाली सामग्री-
- पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।