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Sawan 2019: कठिनाइयों से उबरने में मदद करता है असली रुद्राक्ष, जानें कैसे मिलेगा फायदा

असली रुद्राक्ष धारण करने से मन व शरीर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इससे नकारात्मक विचार दूर होता है, अनचाहे भय से मुक्ति मिलती है, निराशा और आलस्य दूर होता है और मन में कार्य करने की ऊर्जा का...

Sawan 2019: कठिनाइयों से उबरने में मदद करता है असली रुद्राक्ष, जानें कैसे मिलेगा फायदा
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्ली Thu, 18 Jul 2019 04:40 PM
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असली रुद्राक्ष धारण करने से मन व शरीर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इससे नकारात्मक विचार दूर होता है, अनचाहे भय से मुक्ति मिलती है, निराशा और आलस्य दूर होता है और मन में कार्य करने की ऊर्जा का संचार होता है। शिव महापुराण के अनुसार रुद्राक्ष एक मुखी से 38 मुखी तक होता है और उन सबका प्रभाव अलग - अलग होता है। हम यहां प्रमुख तीन रुद्राक्ष और उनके प्रभाव के बारे में बता रहे हैं।

सही निर्णय लेने में मदद करता है गणेश रुद्राक्ष -

गणेश रुद्राक्ष भगवान गणपति जी का रूप है, इसे धारण करने से व्यक्ति का मानसिक सन्तुलन काफी ठीक रहता है और वह परेशानी में बिना घबराए सही निर्णय लेता है। इससे उसके जीवन में आने वालीं परेशानियां दूर हो जाती हैं। ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि जन्मपत्री में चतुर्थ भाव से व्यक्ति की बुद्धि और मानसिक स्थिति को भी देखा जाता है।

जन्मपत्री में जब भी किसी कारण से चतुर्थ भाव पीड़ित हो तो व्यक्ति सही तरह से अपनी बुद्धि का प्रयोग नहीं कर पाता है। हाथों में मस्तिष्क रेखा बुद्धि और सही निर्णय के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका को व्यक्त करती है। जब मस्तिष्क रेखा का उद्गम मंगल पर्वत से होकर जीवन रेखा को छूता हुआ चंद्र पर्वत की तरफ होता है तो ऐसा व्यक्ति सनकी और अस्थिर विचारों वाला होता है। सही समय पर सही निर्णय नहीं लेता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार ओम का जाप करने से व्यक्ति का मानसिक संतुलन ठीक रहता है। वह सही समय पर सही निर्णय लेता है और परेशानियों से मुक्ति पाता है। 

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एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने के होते हैं ये फायदे -

भगवान शिव का रुद्राक्ष हमारी हर तरह की समस्या को हरने की क्षमता रखता है। कहते हैं रुद्राक्ष जितना छोटा हो, उतना ही ज्यादा प्रभावशाली होता है। यह रुद्राक्ष सफलता, धन-संपत्ति, मान-सम्मान दिलाता है। भगवान शिव ने समस्त लोगों के कल्याण के लिए अपने नेत्रों से आंसू के रूप में रुद्राक्ष उत्पन्न किए। उनकी आंख से गिरे पहले आंसू को एक मुखी रुद्राक्ष कहा जाता है। एक मुखी रुद्राक्ष को सबसे महत्वपूर्ण और कल्याणकारी रुद्राक्ष माना जाता है।

एक मुखी को साक्षात भगवान शिव का स्वरूप मानते हैं। एक मुखी दो प्रकार के दाने पर इस धरती पर पाए गए हैं। एक गोल आकार में है और दूसरा काजू के आकार में। कहा जाता है कि एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने से पापों से मुक्ति मिल जाती है और मन शांत हो जाता है। घर में धन का आगमन भी होने लगता है। शरीर में उच्च रक्तचाप इसके धारण करने से धीरे-धीरे नियंत्रित होने लगता है। वहीं शत्रु अपनी शत्रुता छोड़ देता है।

दो मुखी रुद्राक्ष के लाभ -

इसे शिव शक्ति का स्वरूप मानते हैं और इसे धारण करने पर पति पत्नी, पिता पुत्र व साझेदारों से सम्बन्ध मधुर होते हैं। जिन ्त्रिरयों को गर्भ से सम्बंधित कोई इन्फेक्शन या संतान उत्पत्ति मे परेशानी हो, उनके लिए यह बहुत लाभदायक है। जन्मपत्री मे चन्द्रमा कमजोर होने पर दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से चंद्र गृह को बल व व्यक्ति मानसिक रूप से मजबूत होकर सही निर्णय लेता है। 

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चार मुखी रुद्राक्ष के फायदे -

चार मुखी नेपाली रुद्राक्ष धारण करने से दिमागी, स्मरण शक्ति, वाणी, तुतलाना, अस्थमा, चर्म रोग दूर व वाणी में मिठास आती है। ज्योतिष में चार मुखी रुद्राक्ष का स्वामी बुध गृह है। जन्मकुण्डली व हाथों की रेखा में बुध ग्रह कमजोर एवं पीड़ित, क्रूर ग्रहों से नीच राशि में या अस्त हो व जो व्यक्ति अच्छा पन्ना रत्न धारण नहीं कर सकते, उन्हें चार मुखी रुद्राक्ष जरूर धारण करना चाहिए। बच्चों को यह रुद्राक्ष धारण करवाने से एकाग्रता और स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है। साथ ही जिद करने की प्रवृत्ति दूर होती है।

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