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sawan 2019: श्रावण मास में संकटमोचक महामृत्युंजय महामंत्र, होते हैं ये कष्ट दूर

श्रावण मास के प्रथम सोमवार से संकटमोचक महामृत्युंजय महामंत्र का जाप करने से साधक के विभिन्न कष्ट दूर होते हैं। श्रावण मास के प्रथम सोमवार के दिन सुबह नित्य क्रिया से निवृत्त होकर एक चौकी पर सफेद...

sawan 2019: श्रावण मास में संकटमोचक महामृत्युंजय महामंत्र, होते हैं ये कष्ट दूर
बिहारी लाल तिवारी,नई दिल्लीTue, 16 Jul 2019 02:25 PM
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श्रावण मास के प्रथम सोमवार से संकटमोचक महामृत्युंजय महामंत्र का जाप करने से साधक के विभिन्न कष्ट दूर होते हैं। श्रावण मास के प्रथम सोमवार के दिन सुबह नित्य क्रिया से निवृत्त होकर एक चौकी पर सफेद वस्त्र बिछा कर उस पर अष्टगंध से ‘ऊं नम: शिवाय' लिखें। उसी के ठीक नीचे अपना नाम लिखें और उसके नीचे पुन: ‘ऊं नम: शिवाय' लिखें।

इसके बाद रुद्राक्ष माला को मंत्र के ऊपर स्थापित कर दें और श्वेत पुष्प, चंदन, अक्षत अर्पित कर ‘ऊं नम: शिवाय' बोलते हुए माला का पूजन करें तथा प्रार्थना करें- भगवान शंकर हमारी रक्षा करें। माला पूजन के बाद एक अलग चौकी पर शिवलिंग, श्रीगणेश, कार्तिकेय व नंदी को स्थापित कर पूजन करें। शिवलिंग का अभिषेक क्रमश: गंगाजल, गाय के दूध, दही, घृत, शहद, शर्करा, पंचामृत, गंगाजल से करें। वस्त्र, यज्ञोपवीत, चन्दन, अक्षत, सुगंधित पुष्प, बेल पत्र, बेल, धतूरा, नैवेद्य आदि ‘ऊं नम: शिवाय' का उच्चारण करते हुए अर्पित करें।

 

इसके बाद चावल की पांच ढेरी पर एक-एक रुद्राक्ष स्थापित कर शिव के पांच स्वरूपों का पूजन क्रमश: इन मंत्रों से करें- ‘ऊं साधो जातय नम:', ‘ऊं वाम देवाय नम:', ‘ऊं अघोराय नम:' ‘ऊं तत्पुरुषाय नम:' और ‘ऊं ईशानाय नम:।' इसके बाद ‘ऊं नम: शिवाय' मंत्र से 51 कमल गट्टा अर्पित करें। ‘ऊं शाम्ब सदाशिवाय' मंत्र से 21 धतूरे बेलपत्र अर्पित करें। ‘ऊं गौरी शंकराय नम:' मंत्र से 21 धतूरा पुष्प अर्पित करें। ‘ऊं ह्रीं शंकराय नम:' मंत्र से यथाशक्ति द्रव्य अर्पित करें। सर्वप्रथम ‘ऊं शं शंकराय भवेद भवाय शं ऊं नम:' तथा ‘ऊं हर महेश्वर, शूलपाणि पिनाक घृक्, पशुपति, शिव, महादेव, ईशान, नम: शिवाय का उच्चारण 11 बार हाथ जोड़ कर करें। फिर रुद्राक्ष माला से महामृत्युंजय मंत्र की पांच माला जपें। मंत्र है-‘ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनं उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात।' फिर शिव आरती करें। यह पूजा श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को करें। अंतिम सोमवार गाय के घी में कर्पूर मिलाकर महामृत्युंजय मंत्र से 108 आहुति अग्नि में दें। रुद्राक्ष माला पहन लें। साथ ही श्रावण मास में हर रोज गंगा जल में गाय का दूध मिलाकर शिवलिंग का टीका कर चंदन, अक्षत, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, फल चढ़ाकर महामृत्युंजय मंत्र की तीन माला का जाप करें। .

 
 

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