Sawan 2019: जानें कहां है शिव की सादगी और दिव्य स्वरूप का वर्णन
मंत्र महात्म्य में आज से जानिए शिवमहिम्न स्तोत्रम् की कथा और प्रमुख अंश का अर्थ विस्तार। कथा-पौराणिक काल में चित्ररथ नाम के राजा ने अद्वितीय पुष्पों वाला एक अद्भुत बाग बनवाया। इस बाग के फूल वह शिव को...
मंत्र महात्म्य में आज से जानिए शिवमहिम्न स्तोत्रम् की कथा और प्रमुख अंश का अर्थ विस्तार। कथा-पौराणिक काल में चित्ररथ नाम के राजा ने अद्वितीय पुष्पों वाला एक अद्भुत बाग बनवाया। इस बाग के फूल वह शिव को अर्पित करता। एक दिन पुष्पदंत नामक गंधर्व की दृष्टि उस सुंदर बाग पर पड़ी। वह प्रतिदिन चोरी करने लगा। पता लगाने के लिए राजा ने शिव को चढ़ा एक बेलपत्र बाग में छिपा दिया।
चोरी करते समय पुष्पदंत के पांव बेलपत्र पर पड़े। उसकी दिव्य शक्तियों का क्षय हो गया। तब शिवभक्त पुष्पदंत भूल सुधारने के लिए शिवमहिम्न स्तोत्रम् की रचना की। प्रसन्न शिव ने उसे क्षमादान दिया। पुष्पदंत की दिव्य शंक्तियां पुन: प्राप्त हुईं। स्तोत्रम् में भगवान शिव के दिव्य स्वरूप और उनकी सादगी का वर्णन है। (क्रमश:).