सफला एकादशी 2017: साल के आखिरी एकादशी पर इस तरह करें पूजा, सभी कार्यों में मिलेगी सफलता
पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहते है। इस बार यह एकादशी 13 दिसम्बर यानी आज है। इस एकादशी का व्रत करने से मनुष्य को सभी कार्यों में सफलता मिलती है। इस दिन व्यक्ति को प्रातः स्नान करने...
पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहते है। इस बार यह एकादशी 13 दिसम्बर यानी आज है। इस एकादशी का व्रत करने से मनुष्य को सभी कार्यों में सफलता मिलती है। इस दिन व्यक्ति को प्रातः स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और भोग लगाना चाहिए। पूजा के बाद ब्रह्माणों को दान देना की भी मान्यता है। इस दिन कई लोग पूरी रात जागरण करते हैं।
सफला एकदशी का महत्व
ब्रह्मांडा पुराण में धर्मराज युधिष्ठिर और भगवान कृष्ण के बीच बातचीत के रूप में वर्णित है। हिंदू ग्रंथों के मुताबिक यह कहा जाता है कि 100 राजसूया यज्ञ और 1000 अश्वमेधि यज्ञ मिल कर भी इतना लाभ नहीं दे सकते जितना सफला एकदशी का व्रत रख कर मिल सकता हैं। सफला एकदशी का दिन एक ऐसे दिन के रूप में वर्णित है जिस दिन व्रत रखने से दुख दूर हो जाते है और भाग्य खुल जाता है। सफला एकदशी का व्रत रखने से व्यक्ति की सारी इच्छाएं पूरी होती हैं।
ऐसे करें व्रत
सफला एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने के बाद भगवान विष्णु के सामने व्रत का संकल्प करना चाहिए। संकल्प के बाद धूप, दीप, फल आदि से भगवान विष्णु पूजन करना चाहिए। रात में भी विष्णु के नाम का पाठ करते हुए जागरण करना चाहिए। द्वादशी तिथि के दिन स्नान करने के बाद ब्राह्मणों को अन्न और दक्षिणा देकर इस व्रत का पारण करना चाहिए।