वृष राशि के लिए लाभदायक साबित होगा सूर्य का तुला में प्रवेश
ज्योतिष के अनुसार 17 अक्तूबर को ग्रहों के राजा सूर्य अर्धरात्रि 12 बज कर 41 मिनट पर अपनी नीच राशि तुला में प्रवेश करेंगे। शत्रु शुक्र की राशि तुला में सूर्य की सबसे कमजोर स्थिति होती है। गुरुवार को...
ज्योतिष के अनुसार 17 अक्तूबर को ग्रहों के राजा सूर्य अर्धरात्रि 12 बज कर 41 मिनट पर अपनी नीच राशि तुला में प्रवेश करेंगे। शत्रु शुक्र की राशि तुला में सूर्य की सबसे कमजोर स्थिति होती है। गुरुवार को होने वाली संक्रांति को नन्दा कहते हैं। इसमें विद्वानों को सुख मिलता है, तो राक्षसी व्यवहार वालों को कष्ट भोगना होता है। तुला राशि में चित्रा, स्वाति और विशाखा नक्षत्र होते हैं। जहां चित्रा के स्वामी मंगल और विशाखा के स्वामी बृहस्पति, सूर्य के मित्र हैं, वहीं स्वाति के स्वामी राहु से सूर्य का छत्तीस का आंकड़ा है। आइए जानते हैं सूर्य के तुला राशि में जाने पर विभिन्न राशियों पर पड़ने वाले प्रभावों को-
मेष- यात्रा में कष्ट की आशंका है। प्रतिष्ठा में कमी। मदद लेने की इच्छा होगी। उदर रोग की आशंका। भ्रम की स्थिति रहेगी।
वृष- बीमारी से मुक्ति। प्रियजनों से भेंट-मुलाकात होगी। प्रतियोगिता आदि में विजय होगी। महिलाओं से मदद मिलेगी।
मिथुन- मानसिक तनाव में वृद्धि हो सकती है। बीमारी से सेहत खराब। प्रियजनों से बिछुड़ना होगा। सृजनात्मकता में कमी।
कर्क- बीमारी से सेहत खराब। सुख में कमी हो सकती है। किसी कार्य में सफलता नहीं मिलने से तनाव भी संभव है।
सिंह- रुका हुआ धन मिलेगा। परिवार में उत्सव जैसा माहौल होगा। शुभ सूचनाएं मिलेंगी। पदोन्नति होने की संभावना है।
कन्या- अनावश्यक जिद से हानि होने की संभावना है। ठगे जाने की आशंका। फिजूल के कार्यों में धन खर्च। सुख में कमी हो सकती है।
तुला- धन व्यर्थ के कार्यों में लग सकता है। शारीरिक श्रम करना होगा। यात्रा में कष्ट हो सकता है।
वृश्चिक- मानसिक भ्रम से तनाव। बीमारी के कारण सेहत खराब। मित्रों से विश्वासघात। व्यर्थ के कार्यों में धन हानि।
धनु- प्रतिष्ठा-आय में वृद्धि संभव है। पुरस्कार मिलेगा। रोगों से मुक्ति मिलेगी। उपहार प्राप्त करेंगे। पदोन्नति होगी।
मकर- अधूरा पड़ा कार्य पूरा होगा। नया कार्य शुरू कर सकते हैं। प्रतिष्ठा-आय में वृद्धि। उपहार मिलेंगे।
कुंभ-अचानक आई परेशानी से तनाव हो सकता है। प्रियजनों से बिछुड़ना होगा। कार्यों में बाधा आ सकती है।
मीन-मानसिक भय हो सकता है। विवाद से बचें। सरकार से कष्ट हो सकता है। अधिकारी नाराज हो सकता है।
ज्योतिष में सूर्य ग्रह का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में सूर्य को देवता का स्वरूप मानकर इसकी आराधना की जाती है। यह धरती पर ऊर्जा का सबसे बड़ा प्राकृतिक स्रोत है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य को तारों का जनक माना जाता है। पृथ्वी से सूर्य की दूरी क्रमश: बुध और शुक्र के बाद सबसे कम है। इसका आकार सभी ग्रहों से बहुत विशाल है। सौर मंडल में यह केन्द्र में स्थित है। यद्यपि खगोलीय दृष्टि से सूर्य एक तारा है। लेकिन वैदिक ज्योतिष में यह एक महत्वपूर्ण और प्रमुख ग्रह है। जन्म कुंडली के अध्ययन में सूर्य की अहम भूमिका होती है।