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वार्षिक राशिफल 2020: नए साल में किसे मिलेंगी खुशियां तो किसे होना होगा निराश, जानें क्या कहते हैं आपके किस्मत के सितारे

Varshik Rashifal 2020 : यह साल कैसा रहेगा, यह जानने के लिए हम सबकी उत्सुकता बनी हुई है। इसके लिए हमने ज्योतिष, अंक ज्योतिष और लाल किताब के वरिष्ठ विशेषज्ञों से आपका भविष्य जानने की कोशिश की है। साथ...

वार्षिक राशिफल 2020: नए साल में किसे मिलेंगी खुशियां तो किसे होना होगा निराश, जानें क्या कहते हैं आपके किस्मत के सितारे
पं राघवेंद्र शर्मा, ज्योतिष और राजीव के खट्टर, लाल किताब विशेषज्ञ,नई दिल्लीMon, 30 Dec 2019 04:46 PM
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Varshik Rashifal 2020 : यह साल कैसा रहेगा, यह जानने के लिए हम सबकी उत्सुकता बनी हुई है। इसके लिए हमने ज्योतिष, अंक ज्योतिष और लाल किताब के वरिष्ठ विशेषज्ञों से आपका भविष्य जानने की कोशिश की है। साथ ही कुछ जाने-माने खिलाड़ियों व फिल्म कलाकारों के बारे में भी ये जाना कि नये साल में वे क्या करने जा रहे हैं। आज हम पहली छह राशियों का वार्षिक भविष्यफल दे रहे हैं। आगे की राशियों के बारे में कल पढ़ें...

मेष- (21 मार्च-20 अप्रैल)
वर्ष के प्रारंभ में आपकी राशि के स्वामी अष्टमस्थ हैं। अत: आत्मविश्वास में कमी रहेगी। 7 फरवरी के बाद आत्मविश्वास में वृद्धि होगी, परंतु कार्यक्षेत्र में परिश्रम की अधिकता रहेगी। माता को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं। 25 जनवरी के बाद शासन-सत्ता से लाभ मिलेगा, परंतु नौकरी में स्थान परिवर्तन के योग भी बनेंगे। 30 मार्च से धन की स्थिति में सुधार होगा। 12 मई से 30 सितंबर के मध्य विदेश यात्रा के योग भी बन रहे हैं। यात्रा थोड़ी कष्टप्रद हो सकती है। परिवार का सहयोग मिलेगा। वाहन सुख में वृद्धि भी हो सकती है। 5 अक्तूबर से मन अशांत रहेगा। कार्य क्षेत्र/कारोबार में कठिनाइयां आ सकती हैं। स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी बढ़ सकती हैं। वर्ष के अंत में संतान की ओर से शुभ समाचार की प्राप्ति हो सकती है।

क्या करें-
-प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। गुड़ व भुने हुए चने का भोग हनुमान जी को लगाएं और इस भोग को बंदरों या सांड को खिला दें।
-गुरुवार प्रात: गाय को पांच केले खिलाएं।
-शनिवार को  लोटे में जल भरकर उसमें चुटकीभर काले तिल व सरसों के तेल की दो बूंद डालकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।

लाल किताब के उपाय -
-शरीर पर शुद्ध सोना धारण करें।
-पूर्व दिशा में कूड़ेदान न रखें।
-हर मंगलवार को हनुमान की पूजा अर्चना करें।
-हल्दी युक्त दूध पिएं।
-अवैध संबंधों से दूर रहें।
- नाभि पर केसर युक्त जल लगायें।

वृष - (21 अप्रैल-20 मई)
वर्ष के प्रारंभ में आत्मविश्वास तो भरपूर रहेगा, परंतु कार्यशीलता में कमी रहेगी। 14 जनवरी तक माता को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं। दिनचर्या अस्त-व्यस्त रहेगी। 15 जनवरी से परिस्थितियों में सुधार होगा। 8 फरवरी के बाद जीवनसाथी को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं। 25 जनवरी से शनि की ढैय्या का प्रभाव समाप्त होगा। भाग्य में वृद्धि होगी। नौकरी में तरक्की के मार्ग प्रशस्त होंगे, परंतु कार्यक्षेत्र में परिवर्तन भी हो सकता है। 30 मार्च से धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। शैक्षिक कार्यों में सफलता मिलेगी। आय की स्थिति सुधरेगी। कार्यक्षेत्र में अनुकूल परिस्थितियां रहेंगी। 12 मई से 30 सितंबर के मध्य नौकरी में परिवर्तन के अवसर मिल सकते हैं। 24 सितंबर से थोड़ा मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। 

क्या करें-
-प्रतिदिन ‘आदित्य हृदय स्तोत्र’ का पाठ कर तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें थोड़े से चावल, चीनी, रोली डालकर सूर्यदेव को अर्पित करें।
-एक मुट्टी चने की दाल बुधवार के दिन पानी में भिगो कर गुरुवार के दिन प्रात: गाय को खिलाएं।
-शनिवार  हनुमान जी के चरणों में काले तिल में गुड़ मिलाकर चढ़ाएं।

लाल किताब के उपाय -
-प्रत्येक शनिवार हनुमान मंदिर में मीठा प्रसाद अर्पण करें।
-सूर्यास्त पश्चात तिल के तेल का दीया जलायें।
-लावारिस कुत्तो को भोजन दें।
-सोमवार स्नानोपरांत शिव स्तोत्र का जाप करें।
-बरगद के वृक्ष तले शुद्ध घी का दीया जलाएं।  

मिथुन - (21 मई-21 जून)
वर्ष के प्रारंभ में आत्मविश्वास से परिपूर्ण तो रहेंगे, परंतु धैर्यशीलता में कमी भी रहेगी। 25 जनवरी के बाद दाम्पत्य सुख में वृद्धि होगी। नौकरी में तरक्की के मार्ग प्रशस्त होंगे। आय में वृद्धि होगी। विदेश प्रवास के योग भी बन रहे हैं, परंतु शनि की ढैय्या प्रारंभ होने से कार्यों में विघ्न-बाधाएं आने से परेशानियां हो सकती हैं। संचित धन की हानि भी हो सकती है। 30 मार्च के बाद पिता को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं। पारिवारिक समस्याएं बढ़ सकती हैं। खर्च भी बढ़ेंगे लेकिन धन की स्थिति में सुधार भी होगा। 12 मई से 30 सितंबर के मध्य किसी पुराने मित्र से भेंट हो सकती है। स्वास्थ्य के प्रति भी सचेत रहना होगा। 24 सितम्बर के बाद से अनियोजित खर्च बढ़ेंगे। किसी मित्र से वैचारिक मतभेद भी बढ़ सकते हैं।

क्या करें-
-प्रत्येक मंगलवार शाम के समय लाल कपड़े में गुड़ बांध कर हनुमान जी के चरणों में चढ़ाएं।
-सरसों के तेल में अपना चेहरा देखें। शनिवार को इसी तेल से सात पूए  (गुलगुले) बनाकर कुत्तों को खिलाएं। बचे हुए  तेल को किसी और काम में प्रयोग न करें। हर शनिवार को यही तेल प्रयोग करना होगा।

लाल किताब के उपाय -
-प्रत्येक शुक्रवार काली गाय को हर चारा खिलाएं।
-छोटी कन्याओं को बादाम भेंट करें।
-सूर्यास्त पश्चात शयन कक्ष में कर्पूर जलायें।
-हर गुरुवार पीले फूलों से विष्णु पूजन करें।
-कटे फटे जूतें न पहनें।

कर्क- (22 जून-23 जुलाई)
वर्ष के प्रारंभ में क्रोध की अधिकता रहेगी। मन अशांत रहेगा। कला व संगीत के प्रति रुझान होना चाहिए। 25 जनवरी के बाद पारिवारिक जीवन में सुधार होना चाहिए, परंतु मानसिक कठिनाइयां भी बढ़ेंगी। 30 मार्च के बाद मानसिक कठिनाइयों में कमी आनी प्रारंभ हो जाएगी। धर्म के प्रति श्रद्धाभाव रहेगा। नौकरी में तरक्की के अवसर मिलेंगे। 12 मई से 30 सितंबर के मध्य संतान को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं। शैक्षिक कार्यों में व्यवधान आ सकते हैं। 24 सितंबर से खर्चों में कमी आएगी। आय वृद्धि के साधन विकसित होंगे। 19 नवंबर के बाद वाहन सुख में वृद्धि के योग बन रहे हैं। भौतिक सुखों में वृद्धि होगी। माता का सान्निध्य मिलेगा। 21 नवंबर के बाद लेखनादि बौद्धिक कार्यों से आय के स्रोत विकसित हो सकते हैं।

क्या करें-
-सवा पांच रत्ती का पुखराज सोने की अंगूठी में जड़वाकर दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली में धारण करें।
-शनिवार सूर्यास्त के बाद सरसों के तेल का दीपक पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं।
-मंगलवार के दिन रोटी में गुड़ रख कर गाय को खिलाएं।

लाल किताब के उपाय -
-शयन कक्ष में नीले पर्दे /चादर का प्रयोग न करें।
-प्रत्येक शुक्रवार महालक्ष्मी  को  कमल पुष्प अर्पण करें।
-इत्र /परफ्यूम का प्रयोग करें।
-किसी की गारंटी न लें ।
-सुबह-शाम हरी घास पर नंगे पांव चलें।
-शत्रुओं को क्षमा करे।

सिंह - (24 जुलाई-22 अगस्त)
वर्ष के प्रारंभ में सम्पत्ति या भवन का लाभ हो सकता है। 8 फरवरी के उपरांत धैर्यशीलता में कमी आएगी। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। 25 जनवरी के बाद कुछ पुराने मित्रों से पुन: संपर्क हो सकते हैं। नौकरी में यात्रा बढ़ सकती है। विदेश यात्रा के भी अवसर मिल सकते हैं। 23 मार्च के बाद से पारिवारिक सुख में कमी आ सकती है। रहन-सहन अव्यवस्थित भी हो सकता है। 30 मार्च के उपरांत शैक्षिक कार्यों में कठिनाइयां आएंगी। 
1 जुलाई से 14 सितंबर तक मन में नकारात्मक विचारों का प्रभाव हो सकता है, परंतु शैक्षिक कार्यों में सुधार आएगा। 24 सितंबर से आय में व्यवधान आ सकते हैं, परंतु राजनीति में दिलचस्पी बढ़ सकती है। 11 दिसंबर के बाद वाहन सुख की प्राप्ति के योग बन रहे हैं। खान-पान के प्रति सचेत रहें। 

क्या करें-
-रोज  ‘आदित्य हृदय स्तोत्र’ का पाठ कर तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें थोड़े से चावल, चीनी, रोली डालकर सूर्यदेव को अर्पित करें।
-प्रत्येक सोमवार के दिन चावल यथाशक्ति दान करें।
-हर गुरुवार गाय को तीन केले या तीन बेसन के लड्डू खिलाएं।

लाल किताब के उपाय -
-यदा कदा मन्दिर जाएं।
-लावारिस कुत्तों को बिस्कुट आदि खाने को दें।
-नीले कपड़े पहनने से बचें।
-मित्रों को मिठाई आदि दें।
-विधवाओं की इज्जत और  सहायता करें।
-खाने में काले चने शामिल करें।

कन्या- (23 अगस्त-22 सितम्बर)
वर्ष के प्रारंभ में कारोबार में परिश्रम तो अधिक रहेगा, परंतु यथानुरूप परिश्रम की फल प्राप्ति संदिग्ध रहेगी। 25 जनवरी से मानसिक शांति तो रहेगी, परंतु जीवनसाथी को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं। नौकरी करनेवालों को वर्तमान नौकरी में परिवर्तन के लिए तैयार रहना होगा। 5 मई के बाद कार्यक्षेत्र में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी दो-चार होना पड़ सकता है। 30 मार्च के उपरांत शैक्षिक एवं शोधादि कार्यों में सफलता मिलेगी। धर्म के प्रति श्रद्धाभाव बढ़ेगा। 24 अक्तूबर के बाद नौकरी में तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। वाहन सुख की प्राप्ति होगी। जीवनसाथी के स्वास्थ्य में सुधार होगा। आय की स्थिति में सुधार होगा। बौद्धिक कार्यों से धनार्जन के साधन बन सकते हैं।

क्या करें-
-प्रत्येक बुधवार के दिन गणेश जी के चरणों में दूर्वा घास के ग्यारह कपोल पानी से धोकर चढ़ाएं।
- प्रत्येक रविवार को यथाशक्ति गेहूं का दान करें या गाय को खिलाया करें।
-मंगलवार के दिन शाम को हनुमान जी के चरणों में लाल कपड़े में बांधकर गुड़ चढ़ाया करें।

लाल किताब के उपाय -
-चींटियों को आटा और चीनी बूरा मिला कर दें।
-हर गुरुवार किसी मंदिर में  400 ग्राम चने की दाल अर्पण करें।
-नीम का पौधरोपण करें।
-हर शुक्रवार 9 छोटी कन्याओं को मिठाई / फल देकर आशीर्वाद लें।
-उच्च अधिकारियों से आदरपूर्वक व्यवहार करें।

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