भाई को न बांधें काले रंग की राखी, बहनों को दें मिट्टी से बने उपहार
भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार हर वर्ष सावन माह की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। इस त्योहार को लेकर कई धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार स्नेह के इस त्य
भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार हर वर्ष सावन माह की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। इस त्योहार को लेकर कई धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार स्नेह के इस त्योहार पर हमें कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं इनके बारे में।
रक्षाबंधन के दिन बहनों को भाइयों से पहले भगवान श्रीगणेश जी की पूजा करनी चाहिए। भगवान श्रीगणेश को दूर्वा अर्पित करना चाहिए। रक्षाबंधन के दिन मां लक्ष्मी का पूजन करें। पंच मेवा से बनी खीर मां को अर्पित करें। रक्षाबंधन पर कभी भी भाई को काले रंग की राखी नहीं बांधनी चाहिए। रक्षाबंधन पर दिशाओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए। भाई को राखी बांधते समय भाई का मुख पूर्व या उत्तर पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। भाई को कभी भी पश्चिम दिशा में बैठकर राखी नहीं बांधनी चाहिए। रक्षासूत्र बांधते समय घर की सभी खिड़कियां और दरवाजे खुले रहने चाहिए। ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। रक्षाबंधन के दिन भगवान श्रीगणेश के समक्ष लौंग और सुपारी रखकर पूजा करें। कहीं काम पर जाना हो तो लौंग और सुपारी को साथ लेकर जाएं। इस त्योहार पर बहनों को मिट्टी से बनी कोई भी वस्तु उपहार में देने से बहनों को सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। इस दिन बहनों को लाफिंग बुद्धा उपहार में देने से उनके जीवन में खुशियां हमेशा बढ़ती रहेंगी। रक्षाबंधन के दिन घर की बहन-बुआ को वस्त्र, गहने या श्रृंगार का सामान देने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। नुकीली या धारदार चीजें उपहार में न दें। इस दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करें। ऐसा करने से हर मुसीबत से छुटकारा मिलता है। सूर्यदेव को भी जल अर्पित करें।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।