Raksha Bandhan 2020: जानें भद्रा में क्यों नहीं बांधते राखी, इस रक्षा बंधन को जानें भद्रा और राहुकाल का समय
रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसे सलूनों भी कहते हैं। इस साल राखी का त्योहार 3 अगस्त को है। राखी बांधते समय जो याद रखा जाता है वो है...
रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसे सलूनों भी कहते हैं। इस साल राखी का त्योहार 3 अगस्त को है। राखी बांधते समय जो याद रखा जाता है वो है भद्रा काल। दरअसल शास्त्रों में राहुकाल और भद्रा के समय शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भद्रा में राखी न बंधवाने की पीछ कारण है कि लंकापति रावण ने अपनी बहन से भद्रा में राखी बंधवाई और एक साल के अंदर उसका विनाश हो गया। इसलिए इस समय को छोड़कर ही बहनें अपने भाई के राखी बांधती हैं।
वहीं यह भी कहा जाता है कि भद्रा शनि महाराज की बहन है। उन्हें ब्रह्माजी जी ने शाप दिया था कि जो भी व्यक्ति भद्रा में शुभ काम करेगा, उसका परिणाम अशुभ ही होगा। इसके अलावा राहुकाल में भी राखी नहीं बांधी जाती।
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ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार अधिकतर रक्षा बंधन के पर्व पर भद्रा की साया रहती है लेकिन इस वर्ष भद्रा सुबह दिन में 08:28 तक ही रहेगी। इसके बाद 9 बजे तक राहु काल रहेगा। इसलिए इस समय के बाद राखी बांधी जा सकती है। दोपहर 2 से शाम 7 बजे के बीच लगातार चर लाभ और अमृत के तीन शुभ चौघड़िया मुहूर्त होंगे। इसलिए दोपहर 2 से शाम 7 बजे के बीच का पूरा समय भी राखी बांधने के लिए शुभ होगा।
सुबह चौघडिया का शुभ मुहूर्त
सुबह 9 बजे से 10:22 बजे तक
दोपहर 1:40 बजे से सायं 6:37 बजे तक।