Putrada Ekadashi 2019 : जानें इसका महत्व और व्रत रखने के नियम
पौष मास में शुक्ल पक्ष एकादशी को पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। माना जाता है कि इस एकादशी के व्रत के समान दूसरा कोई व्रत नहीं है। जिन्हें संतान होने में बाधाएं आती हैं उन्हें पुत्रदा एकादशी का...
पौष मास में शुक्ल पक्ष एकादशी को पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। माना जाता है कि इस एकादशी के व्रत के समान दूसरा कोई व्रत नहीं है। जिन्हें संतान होने में बाधाएं आती हैं उन्हें पुत्रदा एकादशी का व्रत जरूर रखना चाहिए। इस उपवास को रखने से संतान संबंधी हर चिंता और समस्या का निवारण हो जाता है। इस बार पुत्रदा एकादशी 17 जनवरी यानी आजहै।
क्या हैं इस व्रत के नियम
यह व्रत दो प्रकार से रखा जाता है निर्जल व्रत और फलाहारी या जलीय व्रत।
सामान्यतः निर्जल व्रत पूर्ण रूप से स्वस्थ्य व्यक्ति को ही रखना चाहिए।
अन्य या सामान्य लोगों को फलाहारी या जलीय उपवास रखना चाहिए।
बेहतर होगा कि इस दिन केवल जल और फल का ही सेवन किया जाए।
संतान संबंधी मनोकामनाओं के लिए इस एकादशी के दिन भगवान कृष्ण या श्री नारायण की उपासना करनी चाहिए।
Putrada Ekadashi 2019: इस एकादशी जैसा दूसरा व्रत नहीं, खुल जाते हैं बैकुंठ के द्वार
इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।