अक्षय फल प्रदान करता है इस माह किया गया दान
श्री हरि भगवान विष्णु को पुरुषोत्तम मास अतिप्रिय है। दान, पुण्य, पूजा पाठ के लिए यह माह पवित्र माना जाता है। इस माह में भगवान श्री हरि विष्णु की उपासना और श्रीमद्भ भागवतकथा का श्रवण करने से कई गुना...
श्री हरि भगवान विष्णु को पुरुषोत्तम मास अतिप्रिय है। दान, पुण्य, पूजा पाठ के लिए यह माह पवित्र माना जाता है। इस माह में भगवान श्री हरि विष्णु की उपासना और श्रीमद्भ भागवतकथा का श्रवण करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है। इस माह किया गया दान अक्षय फल प्रदान करने वाला माना जाता है।
पुरुषोत्तम माह में किसी देवस्थान के दर्शन करना चाहिए। इस पूरे माह व्रती को व्रत का पालन करना होता है। जमीन पर शयन करना, एक समय सात्विक भोजन ग्रहण करना होता है। पुरुषोत्तम माह में भगवान श्री हरि की पूजा, मंत्र जाप, हवन, श्रीमद्भागवत, श्री रामायण, विष्णु स्तोत्र, रूद्राभिषेक का पाठ अवश्य करना चाहिए। मान्यता है कि पुरुषोत्तम माह में किए गए धार्मिक कार्यों का किसी भी अन्य माह में किए गए पूजा-पाठ से 10 गुना ज्यादा फल मिलता है। इस माह मौन रखने से मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है। इस माह मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। धार्मिक अनुष्ठान, स्नान, दान, उपवास आदि किए जाते हैं। अधिकमास में शुक्ल एकादशी पद्मिनी एकादशी एवं कृष्ण पक्ष एकादशी परमा एकादशी कहलाती हैं। मान्यता है कि इन एकादशी का व्रत पालन करने से खुशहाल जीवन व्यतीत होता है। इस माह में विवाह, मुंडन, नववधु गृह प्रवेश, नामकरण जैसे संस्कार करने की मनाही है। नया वस्त्र धारण करना, नई खरीदारी करना, वाहन आदि का क्रय करना भी निषेध माना जाता है। अधिक मास में सामर्थ्यनुसार दान अवश्य करें।
इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।