राशि में है पितृदोष तो संतान होने में आती है समस्याएं
बच्चे हर परिवार की धड़कन होती हैं, शादी के बाद हर दंपति की इच्छा होती है कि उसके संतान के रूप में पुत्र या पुत्री हो। हालांकि कई बार किसी कारणवश लोगों को संतान नहीं होती। ऐसे लोग कई बार स्वयं को समाज...
बच्चे हर परिवार की धड़कन होती हैं, शादी के बाद हर दंपति की इच्छा होती है कि उसके संतान के रूप में पुत्र या पुत्री हो। हालांकि कई बार किसी कारणवश लोगों को संतान नहीं होती। ऐसे लोग कई बार स्वयं को समाज में हीन महसूस करते हैं।
संतान प्राप्ति वैसे तो भगवान की कृपा से ही होती है लेकिन कई बार शारीरिक कष्ट, ग्रहों की चाल आदि के कारण भी दंपति संतानहीन रह जाता है।
ऐसे दोषों के निवारण के कुछ उपाय भी हैं लेकिन वे भी तभी असर करते हैं जब उन्हें पूर्ण विश्वास और श्रद्धा से संपूर्ण किया जाए।
संतान प्राप्ती के उपाय
-कभी-कभी पुरुष की राशि में पितृदोष के कारण संतान होने में परेशानी होती है, जिसके लिए पितृों को शांत करना बहुत जरूरी है। इसके लिए किसी योग्य पंडित से पूजा-पाठ करानी अनिवार्य है।
-पति-पत्नी दोनों ही गुरुवार को व्रत रखें। इतना ही नहीं दोनों ही पीने रंग के वस्त्र पहनें, पीली वस्तुओं का दान करें और पीले रंग का ही भोजन ग्रहण करें। ऐसा सात गुरुवार करने से ही परिणाम देखने को मिलेंगे।
-पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के दिन बरगद के पेड़ की जड़ लाकर लाल कपड़े में बांधकर स्त्री अगर अपनी बाहं में बांधती है तो संतान प्राप्ती के योग बनते हैं।
-शुक्ल पक्ष में अगर गाय ने बछड़े को जन्म दिया हो तो उसके शुरू के दूध में नाभ केसर को पीसकर मासिक धर्म के पांचवें दिन खाने से जरूर संतान प्राप्ति होती है।
-भगवान बाल मुकुंद के सामने बैठकर प्रतिदिन गोपाल सहस्त्र नाम का पाठ करें।
-भगवान गणेश जी की एक छोटी मूर्ति घर लाएं और उसे स्थापित करें। प्रतिदिन एक लड्डू चढ़ाकर पक्षी को डाल दें। साथ ही उसमें से कुछ प्रसाद दंपति स्वयं भी खाए तो संतान की प्राप्ति के उम्मीद बढ़ती है।
-भगवान श्रीकृष्ण को दही एवं मक्खन का भोग लगाएं, बाद में प्रसाद को स्वयं ग्रहण करें। ऐसा 21 दिन करने से संतान की प्राप्ति होती है।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य व सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)