ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News AstrologyPradosh Vrat April 2021 When is the first Pradosh Vrat of April Note the date Lord Shiva Puja Muhurta and vrat rules

Pradosh Vrat April 2021: अप्रैल महीने का पहला प्रदोष व्रत कब है? नोट कर लें डेट, पूजा मुहूर्त व व्रत नियम

हिंदू धर्म में हर माह के शुक्ल पक्ष व कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत रखा जाता है। शास्त्रों में प्रदोष व्रत को अति मंगलकारी और शिव कृपा प्रदान करने वाला बताया गया है। मान्यता है कि प्रदोष के...

Saumya Tiwariलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीMon, 22 Mar 2021 09:50 AM

अतिमंगलकारी होता है प्रदोष व्रत

अतिमंगलकारी होता है प्रदोष व्रत1 / 5

हिंदू धर्म में हर माह के शुक्ल पक्ष व कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत रखा जाता है। शास्त्रों में प्रदोष व्रत को अति मंगलकारी और शिव कृपा प्रदान करने वाला बताया गया है। मान्यता है कि प्रदोष के समय भगवान शिव कैलाश पर्वत के रजत भवन में नृत्य करते हैं। भक्त इस दिन भगवान शिव की कृपा पाने के लिए उपवास रखते हैं। 

अप्रैल महीने का पहला प्रदोष व्रत कब है?

अप्रैल महीने का पहला प्रदोष व्रत कब है?2 / 5

अप्रैल महीने में पहला प्रदोष व्रत 09 अप्रैल दिन शुक्रवार को रखा जाएगा। शुक्रवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है। जबकि अप्रैल माह का दूसरा प्रदोष व्रत 24 अप्रैल को रखा जाएगा।

प्रदोष व्रत का महत्व

प्रदोष व्रत का महत्व3 / 5

सप्ताह के सातों दिन के प्रदोष व्रत का अपना विशेष महत्व होता है। जानिए-
1-रविवार को प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति सदा निरोगी रहता हैं।  
2- सोमवार को प्रदोष व्रत रखने से आपकी इच्छा पूर्ण होती हैं।
3- मंगलवार को प्रदोष व्रत रखने से स्वास्थ्य उत्तम बना रहता हैं और रोगों से मुक्ति मिलती हैं।
4- बुधवार को प्रदोष व्रत रखने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
5- गुरुवार को प्रदोष व्रत रखने से शत्रुओं का नाश होता हैं।    
6- शुक्रवार को प्रदोष व्रत रखने से सौभाग्य की प्राप्ति होती हैं।
7- शनिवार को प्रदोष व्रत रखने से पुत्र संतान की प्राप्ति होती हैं।     

प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त-

प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त-4 / 5

09 अप्रैल यानी प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय लुबह 06 बजकर 15 मिनट और सूर्यास्त शाम 06 बजकर 41 मिनट पर होगा।

त्रयोदशी तिथि प्रारंभ- 09 अप्रैल की सुबह 03 बजकर 16 मिनट से।

त्रयोदशी तिथि समाप्त- 10 अप्रैल की सुबह 04 बजकर 28 मिनट से।

प्रदोष व्रत पूजा शुभ मुहूर्त- 09 अप्रैल की शाम 06 बजकर 41 मिनट से रात 09 बजे तक।

 

प्रदोष व्रत नियम-

प्रदोष व्रत नियम-5 / 5

1. प्रदोष व्रत करने के लिए व्रती को त्रयोदशी के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए।
2. नहाकर भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए।
3. इस व्रत में भोजन ग्रहण नहीं किया जाता है।
4. गुस्सा या विवाद से बचकर रहना चाहिए।
5. प्रदोष व्रत के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
6. इस दिन सूर्यास्त से एक घंटा पहले नहाकर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
7. प्रदोष व्रत की पूजा में कुशा के आसन का प्रयोग करना चाहिए।