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कोरोना वायरस : सेंट पीटर्स चौक पर बिना श्रद्धालुओं के पोप ने मनाया 'पाम संडे'

 कैथोलिक ईसाई धर्म के सर्वोच्च नेता पोप फ्रांसिस ने कोरोना वायरस के चलते बिना श्रद्धालुओं के ''पाम संडे मनाया। उन्होंने इस मौके पर कहा कि लोगों को दुखी होने के बावजूद इस बात पर ध्यान...

कोरोना वायरस : सेंट पीटर्स चौक पर बिना श्रद्धालुओं के पोप ने मनाया 'पाम संडे'
एजेंसी ,वेटिकन सिटी Sun, 05 Apr 2020 09:39 PM
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 कैथोलिक ईसाई धर्म के सर्वोच्च नेता पोप फ्रांसिस ने कोरोना वायरस के चलते बिना श्रद्धालुओं के ''पाम संडे मनाया। उन्होंने इस मौके पर कहा कि लोगों को दुखी होने के बावजूद इस बात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि अपने जीवन का इस्तेमाल दूसरे की सेवा के लिए करें। उदास दिख रहे पोप फ्रांसिस ने पवित्र हफ्ते में होने वाली कई प्रार्थनाओं में से पहली का नेतृत्व किया, जिसमें श्रद्धालुओं को शामिल होने की अनुमति नहीं थी क्योंकि इटली में बंद के सख्त नियम लागू हैं और लोगों के जमा होने पर रोक है। सामान्य दिनों में हजारों रोमन कैथोलिक धर्म के अनुयायी, पर्यटक, तीर्थ यात्री हाथों में ऑलिव पेड़ की डालियों या ताड़ के पत्ते लेकर सेंट पीटर्सबर्ग स्क्वॉयर पर जमा होते हैं और पोप खुले में प्रार्थना करते हैं लेकिन कोरोना वायरस की वजह से पोप ने इस बार सेंट पीटर बेसिलिका (गिरिजाघर) के भीतर प्रार्थना की और बाहर सन्नाटा पसरा रहा। 
पोप के साथ प्रार्थना में आमंत्रित प्रधान पादरी, नन शामिल थे और सामाजिक दूरी का ख्याल रखते हुए अलग-अलग खड़े थे। ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाते वक्त निकले खून के प्रतीक लाल रंग का लिबास पहने पोप फ्रांसिस ने ताड़ के पत्ते से आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा, ''आज महामारी की त्रासदी सभी छद्म सुरक्षा पर भारी पर है जो अब धराशायी हो गई है, उन कई लोगों के चेहरे पर जिनकी उम्मीदें टूट गई हैं, अकेलेपन का भाव हमारे दिलों में है, ऐसे में ईसा मसीह ने हम सभी से कहा था, '' मेरे प्रेम के लिए साहस करो और अपने दिलों के दरवाजों को खोलो। युवाओं से पोप ने कहा, ''प्रिय मित्रों हाल के दिनों में सामने आए वास्तविक नायकों को देखो, वे प्रसिद्ध नहीं हैं, वे अमीर और सफल व्यक्ति नहीं है। ये वे लोग हैं जिन्होंने दूसरों की सेवा के लिए खुद को समर्पित कर दिया है। आप अपने जीवन को उस रास्ते पर ले जाएं। ईसा मसीह के जीवन से जुड़े पुराने यरुशलम में भी कोरोना वायरस के संक्रमण का असर दिखा। सामान्य वर्षों में पुराने शहर में हजारों की भीड़ जुटती थी लेकिन इस बार फ्रांसिसिन पादरी (कैथोलिक ईसाई का एक समूह जिसकी स्थापना 13वीं सदी में की गई थी) और रोमन कैथोलिक धर्म के श्रद्धालुओं के छोटे समूह ने ईसाई घरों तक आशीर्वाद के रूप में ऑलिव वृक्ष की डालियां बांटीं। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते प्रशासन ने ''पाम संडे पर होने वाले पांरपरिक जुलूस को भी स्थगित कर दिया था। 
फ्रांस में भी पाम संडे का उत्साह नहीं दिखा क्योंकि फ्रांस में 17 मार्च से लॉकडाउन है और लोगों को बाहर निकलने पर रोक है। पाम संडे को फ्रांस के प्रसिद्ध लूर्डेस रोमन कैथोलिक तीर्थस्थल भी वीरान रहा जबकि सामान्यत: यहां लाखों लोगों की भीड़ जुटती है। हालांकि, कोरोना वायरस के चलते सामाजिक दूरी बनाए रखने के साथ लोगों को भी प्रार्थना में शामिल होने का एहसास कराने के लिए प्रसिद्ध लूर्डेस रोमन कैथोलिक तीर्थस्थल में होने वाली प्रार्थना का सजीव प्रसारण किया जाएगा। 
तीर्थस्थल के मुख्य अधिष्ठाता ओलिवियर रिबाड्यू डुमास ने बताया कि यह तय था कि सभी कैथोलिक मतावलंबियों के लिए यह पवित्र हफ्ता और ईस्टर बहुत विशेष है। उन्होंने बताया कि आने वाले नौ दिनों तक लगातार पादरी बिना रुके सुबह सात बजे से शाम साढ़े आठ बजे तक प्रार्थना करेंगे और इसका प्रसारण विभिन्न चैनलों के जरिये किया जाएगा। 
उल्लेखनीय है कि ईसाई धर्म में पवित्र हफ्ते की शुरुआत पाम संडे से होती है और इसका समापन ईस्टर के दिन होता है जो इस साल 12 अप्रैल को है। इस हफ्ते में गुड फ्राइडे ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाने की याद में और ईस्टर उनके पुनर्जीवित होने की याद में मनाया जाता है। 

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