Pongal 2020: दक्षिण भारत का खास पर्व है पोंगल, जानें क्यों मनाया जाता है यह त्योहार
पोंगल दक्षिण भारत का बड़ा फसलों का त्योहार है। तमिलनाडु में इसे ताई पोंगल के नाम से भी जाना जाता है। यह हर साल 14 जनवरी को ही मनाया जाता है। पोंगल भी मकर संक्रांति की तरह सूर्य को समर्पित है। यह भी...
पोंगल दक्षिण भारत का बड़ा फसलों का त्योहार है। तमिलनाडु में इसे ताई पोंगल के नाम से भी जाना जाता है। यह हर साल 14 जनवरी को ही मनाया जाता है। पोंगल भी मकर संक्रांति की तरह सूर्य को समर्पित है। यह भी सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के कारण मनाया जाता है।
दरअसल पोंगल के समय सर्दियों की फसल को काटा जाता है। यही वजह है कि हर में धन धान्य होता है। पोंगल पर अरवा चावल, सांभर, मूंग का दाल, तोरम, नारियल, अबयल जैसे पारंपरिक व्यजन बनाए जाते हैं। इस पर्व का विशेष व्यंजन चाकारी पोंगल है, जिसे दूध में चावल, गुड़ और बांग्ला चना को उबालकर बनाया जाता है।
कहा जाता है कि पोंगल पर फसलों को बढ़ाने वाली सभी कारकों जैसे धूप, सूर्य, इंद्र देव और पशुओं के प्रति आभार प्रकट करने का दिन है। इस दिन इन सबी की पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सूर्य आराधना से शनि भगवान प्रसन्न होते हैं। सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
इस त्योहार में मिठाई बनाकर पोंगल देवता को अर्पित की जाती हैं, इसके बाद गाय को अर्पित कर परिवार में बांटी जाती हैं। इस दिन लोग अपने घरों के बाहर कोलम भी बनाते हैं। परिवार, मित्रों और दोस्तों के साथ पूजा कर एक दूसरे को उपहार देते हैं।
यह त्योहार चार दिन तक चलता है। इसमें भोगी पोंगल 15 जनवरी को, थाई पोंगल 16 जनवरी को, मट्टू पोंगल 17 जनवरी को और कान्नुम पोंगल 18 जनवरी को मनाया जाएगा।