ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News Astrologypitru paksha shradh 2021 date time puja vidhi importance significance if the date is not remembered do Shradh on this day Astrology in Hindi

Pitru Paksha Shradh 2021 : शांति व सुख के लिए पितृ पक्ष का है विशेष महात्म्य, तिथि याद न होने पर इस दिन करें श्राद्ध

Pitru Paksha Shradh 2021 : अपने पूर्वजों के प्रति अर्पण, तर्पण व समर्पण का पखवाड़ा सोमवार से शुरू हो रहा है। अश्विन मास के पूर्णिमा तिथि से श्राद्ध कर्म प्रारंभ हो जाते हैं। जिले के निवासी व...

Pitru Paksha Shradh 2021 : शांति व सुख के लिए पितृ पक्ष का है विशेष महात्म्य, तिथि याद न होने पर इस दिन करें श्राद्ध
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSun, 19 Sep 2021 08:52 PM
ऐप पर पढ़ें

Pitru Paksha Shradh 2021 : अपने पूर्वजों के प्रति अर्पण, तर्पण व समर्पण का पखवाड़ा सोमवार से शुरू हो रहा है। अश्विन मास के पूर्णिमा तिथि से श्राद्ध कर्म प्रारंभ हो जाते हैं। जिले के निवासी व दिल्ली के कथावाचक व ज्योतिषाचार्य सुनील शास्त्री के अनुसार परिवार में शांति व सुख के लिए पितृ पक्ष का विशेष महात्म्य है। यह श्राद्ध कार्यक्रम पूरे पखवाड़े भर चलता है।

श्राद्ध का महात्म्य : श्राद्ध का मतलब अपने सभी कुल देवताओं और पितरों के प्रति श्रद्धा प्रकट करना है। वैसे तो प्रत्येक महीने की अमावस्या तिथि को पितरों की शांति के लिए पिंड दान या फिर श्राद्ध कर्म किये जाते हैं। लेकिन पितृ पक्ष में श्राद्ध करने का विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता है इस दौरान पिंडदान, तर्पण, कर्म और ब्राह्मण को भोजन कराने से पूर्वज प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।

आने वाले 63 दिनों तक इन राशियों पर बरसेगी गुरु कृपा, मनाएंगे जश्न, खूब मिलेगा मान- सम्मान

कब होता है पितृपक्ष : हिंदू पंचांग अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष को पितृपक्ष कहा जाता है। पितृपक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से शुरु होकर आश्विन मास की अमावस्या तक चलते हैं। भाद्रपद पूर्णिमा के दिन सिर्फ उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है जिनका निधन पूर्णिमा तिथि के दिन ही हुआ हो। शास्त्रों अनुसार जिस व्यक्ति की मृत्यु किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष की या कृष्ण पक्ष की जिस तिथि को होती है उसका श्राद्ध कर्म पितृपक्ष की उसी तिथि को ही किया जाता है।

श्राद्ध की तिथि जब न याद हो : शास्त्रों में यह भी विधान दिया गया है कि यदि किसी व्यक्ति को आपने पूर्वजों के देहांत की तिथि ज्ञात नहीं है तो ऐसे में इन पूर्वजों का श्राद्ध कर्म अश्विन अमावस्या को किया जा सकता है । इस के अलावा दुर्घटना का शिकार हुए परिजनों का श्राद्ध चतुर्दशी तिथि को किया जा सकता है।

आने वाला सप्ताह में इन राशियों पर रहेंगी मां लक्ष्मी मेहरबान, सूर्य की तरह चमक उठेगा भाग्य

कब-कब है श्राद्ध की तिथियां

पूर्णिमा श्राद्ध 20 सितंबर

प्रतिपदा का श्राद्ध 21 सितंबर

द्वितीया का श्राद्ध 22 सितंबर

तृतीया का श्राद्ध 23 सितंबर

चतुर्थी का श्राद्ध 24 सितंबर

पंचमी का श्राद्ध 25 सितंबर

षष्ठी का श्राद्ध 26 सितंबर

सप्तमी का श्राद्ध 27 सितंबर

अष्टमी का श्राद्ध 28 सितंबर

नवमी का श्राद्ध 29 सितंबर

दशमी का श्राद्ध 30 सितंबर

एकादशी का श्राद्ध 01 अक्तूबर

द्वादशी का श्राद्ध 02 अक्तूबर

त्रयोदशी का श्राद्ध 03 अक्तूबर

चतुर्दशी का श्राद्ध 04 अक्तूबर

सर्वपितृ श्राद्ध 05 अक्तूबर

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें