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Pitru Paksha Shradh 2022 : द्वितीया श्राद्ध कल, नोट कर श्राद्ध- विधि और सामग्री की पूरी लिस्ट

Pitru Paksha : इस समय पितृ पक्ष चल रहा है। कल द्वितीया श्राद्ध है। हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष को पितृपक्ष कहा जाता है। पितृपक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से शुरु हो जाता है।

Pitru Paksha Shradh 2022 : द्वितीया श्राद्ध कल, नोट कर श्राद्ध- विधि और सामग्री की पूरी लिस्ट
Yogesh Joshiलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीSun, 11 Sep 2022 11:28 AM

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Pitru Paksha Shradh 2022 : इस समय पितृ पक्ष चल रहा है। कल द्वितीया श्राद्ध है। हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष को पितृपक्ष कहा जाता है। पितृपक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से शुरु होकर आश्विन मास की अमावस्या तक चलते हैं। शास्त्रों अनुसार जिस व्यक्ति की मृत्यु किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष की या कृष्ण पक्ष की जिस तिथि को होती है उसका श्राद्ध कर्म पितृपक्ष की उसी तिथि को ही किया जाता है। शास्त्रों में यह भी विधान दिया गया है कि यदि किसी व्यक्ति को आपने पूर्वजों के देहांत की तिथि ज्ञात नहीं है तो ऐसे में इन पूर्वजों का श्राद्ध कर्म अश्विन अमावस्या को किया जा सकता है । इस के अलावा दुर्घटना का शिकार हुए परिजनों का श्राद्ध चतुर्दशी तिथि को किया जा सकता है। आइए जानते हैं, प्रतिपदा श्राद्ध विधि और सामग्री की पूरी लिस्ट...

श्राद्ध विधि

  • किसी सुयोग्य विद्वान ब्राह्मण के जरिए ही श्राद्ध कर्म (पिंड दान, तर्पण) करवाना चाहिए। 
  • श्राद्ध कर्म में पूरी श्रद्धा से ब्राह्मणों को तो दान दिया ही जाता है साथ ही यदि किसी गरीब, जरूरतमंद की सहायता भी आप कर सकें तो बहुत पुण्य मिलता है। 
  • इसके साथ-साथ गाय, कुत्ते, कौवे आदि पशु-पक्षियों के लिए भी भोजन का एक अंश जरूर डालना चाहिए।
  • यदि संभव हो तो गंगा नदी के किनारे पर श्राद्ध कर्म करवाना चाहिए। यदि यह संभव न हो तो घर पर भी इसे किया जा सकता है। जिस दिन श्राद्ध हो उस दिन ब्राह्मणों को भोज करवाना चाहिए। भोजन के बाद दान दक्षिणा देकर भी उन्हें संतुष्ट करें।
  • श्राद्ध पूजा दोपहर के समय शुरू करनी चाहिए. योग्य ब्राह्मण की सहायता से मंत्रोच्चारण करें और पूजा के पश्चात जल से तर्पण करें। इसके बाद जो भोग लगाया जा रहा है उसमें से गाय, कुत्ते, कौवे आदि का हिस्सा अलग कर देना चाहिए। इन्हें भोजन डालते समय अपने पितरों का स्मरण करना चाहिए. मन ही मन उनसे श्राद्ध ग्रहण करने का निवेदन करना चाहिए।

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श्राद्ध पूजा की सामग्री: 

  • रोली, सिंदूर, छोटी सुपारी , रक्षा सूत्र, चावल,  जनेऊ, कपूर, हल्दी, देसी घी, माचिस, शहद,  काला तिल, तुलसी पत्ता , पान का पत्ता, जौ,  हवन सामग्री, गुड़ , मिट्टी का दीया , रुई बत्ती, अगरबत्ती, दही, जौ का आटा, गंगाजल,  खजूर, केला, सफेद फूल, उड़द, गाय का दूध, घी, खीर, स्वांक के चावल, मूंग, गन्ना।
  • पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियां-

  • द्वितीया श्राद्ध - 11 सितंबर 2022
  • तृतीया श्राद्ध - 12 सितंबर 2022
  • चतुर्थी श्राद्ध - 13 सितंबर 2022
  • पंचमी श्राद्ध - 14 सितंबर 2022
  • षष्ठी श्राद्ध - 15 सितंबर 2022
  • सप्तमी श्राद्ध - 16 सितंबर 2022
  • अष्टमी श्राद्ध- 18 सितंबर 2022
  • नवमी श्राद्ध - 19 सितंबर 2022  
  • दशमी श्राद्ध - 20  सितंबर  2022
  • एकादशी श्राद्ध - 21 सितंबर 2022
  • द्वादशी श्राद्ध- 22 सितंबर 2022
  • त्रयोदशी श्राद्ध - 23 सितंबर 2022
  • चतुर्दशी श्राद्ध- 24 सितंबर 2022
  • अमावस्या श्राद्ध- 25 सितंबरर 2022

इस साल 17 सितंबर को श्राद्ध तिथि नहीं है।

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