Pitru paksh 2018: किस दिन किसका श्राद्ध पता न हो तो यह करें
अक्सर यह सवाल उभरता है कि किस दिन किसका श्राद्ध करें। कई बार हमको याद भी नहीं रहता। तिथियों पर श्राद्ध तो उन्हीं का ही किया जा सकता है, जिनकी मृत्यु तिथि हमको याद हो। बड़े बुजुर्ग तो हिन्दी तिथियों...
अक्सर यह सवाल उभरता है कि किस दिन किसका श्राद्ध करें। कई बार हमको याद भी नहीं रहता। तिथियों पर श्राद्ध तो उन्हीं का ही किया जा सकता है, जिनकी मृत्यु तिथि हमको याद हो। बड़े बुजुर्ग तो हिन्दी तिथियों के हिसाब से गणना करते थे, इसलिए उनको समस्त तिथियां याद रहती थीं। लेकिन वर्तमान में श्राद्ध को लेकर यह भ्रांति रहती है कि हम अपने पितरों का श्राद्ध कब करें।
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उपाय -एक
यदि तिथि याद न हो तो पितृ विसर्जनी अमावस्या को ज्ञात-अज्ञात पितरों का एक साथ श्राद्ध किया जा सकता है। लेकिन इसमें भोजनांश या मिठाई सोलह अंशों में निकलेगी। इससे समस्त पितरों की तृप्ति होगी।
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उपाय -दो
आपको तिथि याद नहीं है तो भी आप प्रतिदिन ( अपने पूर्वजों का स्मरण करते हुए) तर्पण कर सकते हैं। तर्पण के लिए यह आवश्यक नहीं है कि आपको अपने दादा, परदादा आदि की तिथि याद हो। आप पितरों के निमित कभी भी तर्पण कर सकते हैं। यह विधि आसान है। एक पात्र में कच्चा दूध, कुश, जल, पुष्प लें। दाएं हाथ के अंगूठे को पृथ्वी की ओर करें और जल से तर्पण करते रहें। ऊं पितृदेवताभ्यो नम:।
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उपाय तीन
आप प्रतिदिन दूध और मीठा अपने पितरों के नाम पर निकाल दें ।