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Ekadashi Vrat 2023: आज है परिवर्तिनी एकादशी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व व व्रत पारण टाइमिंग

Parivartini Ekadashi 2023 Date: परिवर्तिनी एकादशी को सभी दुखों से मुक्ति दिलाने वाली माना जाता है। इस दिन को करने से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है। जानें इस साल कब परिवर्तिनी एकादशी-

Ekadashi Vrat 2023: आज है परिवर्तिनी एकादशी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व व व्रत पारण टाइमिंग
Saumya Tiwariलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीMon, 25 Sep 2023 12:02 PM
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Parivartini Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। हर साल कुल 24 एकादशी तिथियां आती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है। इस साल परिवर्तिनी एकादशी 25 और 26 सितंबर को रखा जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा-अर्चना की जाती है। जानें इस साल दो दिन क्यों रखा जाएगा व्रत, महत्व, शुभ मुहूर्त व व्रत पारण का समय-

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गृहस्थ कब रखेंगे परिवर्तिनी एकादशी व्रत-

इस साल भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की एकादशी  तिथि 25 सितंबर, सोमवार को सुबह 07 बजकर 55 मिनट से प्रारंभ हो चुकी है और 26 सितंबर, मंगलवार को सुबह 05 बजे समापन होगा। ऐसे में 25 सितंबर को गृहस्थ वाले व्रत रखेंगे और 26 सितंबर को वैष्णव एकादशी व्रत रखेंगे।

परिवर्तिनी एकादशी के दिन बन रहे शुभ संयोग-

परिवर्तिनी एकादशी के दिन सुकर्मा योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, द्विपुष्कर व रवि योग का शुभ संयोग बन रहा है। सुकर्मा योग 25 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 23 मिनट से अगले दिन तक रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग 25 सितंबर को सुबह 11 बजकर 55 मिनट से प्रारंभ होगी और अगले दिन सुबह 06 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। रवि योग सुबह 06 बजकर 11 मिनट से सुबह 11 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। द्विपुष्कर योग 26 सितंबर को सुबह 09 बजकर 42 मिनट से देर रात 01 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।

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परिवर्तिनी एकादशी का महत्व-

शास्त्रों के अनुसार, भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी से योग निद्रा में चले जाते हैं और परिवर्तिनी एकादशी के दिन करवट बदलते हैं। करवट बदलने से भगवान विष्णु का स्थान परिवर्तन होता है। इसलिए इसे परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है।

परिवर्तिनी एकादशी व्रत पूजा- विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
भगवान की आरती करें। 
भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। 
इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। 
इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

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परिवर्तिनी एकादशी 2023 व्रत पारण का समय-

26 सितंबर को व्रत पारण का समय - 01:25 पी एम से 03:49 पी एम।
27 सितंबर को व्रत पारण का समय- 06:12 ए एम से 08:36 ए एम।

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