Ekadashi Kab Hai : नवंबर माह में अगली एकादशी कब है? नोट कर लें डेट, शुभ मुहूर्त, पूजा- विधि और पारणा का समय
Ekadashi Kab Hai : एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। एकादशी पर भगवान विष्णु की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है।...
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Ekadashi Kab Hai : एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। एकादशी पर भगवान विष्णु की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। एकादशी व्रत करने से मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में दो बार एकादशी तिथि पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। नवंबर माह में अब मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी पड़ेगी। मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं मार्गशीर्ष एकादशी डेट, शुभ मुहूर्त, पारणा का समय और पूजा- विधि...
उत्पन्ना एकादशी डेट-
- 30 नवंबर, उत्पन्ना एकादशी-
उत्पन्ना एकादशी प्रारम्भ - 04:13 ए एम, नवम्बर 30
उत्पन्ना एकादशी समाप्त - 02:13 ए एम, दिसम्बर 01
1 दिसम्बर को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 07:34 ए एम से 09:02 ए एम
पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय - 07:34 ए एम
एकादशी पूजा- विधि-
- सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
- भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
- अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
- भगवान की आरती करें।
- भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।
- इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।
- इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
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एकादशी व्रत पूजा सामग्री लिस्ट
- श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति
- पुष्प
- नारियल
- सुपारी
- फल
- लौंग
- धूप
- दीप
- घी
- पंचामृत
- अक्षत
- तुलसी दल
- चंदन
- मिष्ठान