Nirjala ekadashi 2018: निर्जला एकादशी आज, पढ़ें व्रत से जुड़ी ये बातें
इस वर्ष ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष शनिवार 23 जून 2018 को निर्जला एकादशी मनाई जाएगी। हर साल 24 एकादशी होता है, लेकिन जिस वर्ष पुरुषोत्तम मास यानि मलमास पड़ता है उस साल 26 एकादशी होता है। इस वर्ष पुरुषोत्तम...
इस वर्ष ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष शनिवार 23 जून 2018 को निर्जला एकादशी मनाई जाएगी। हर साल 24 एकादशी होता है, लेकिन जिस वर्ष पुरुषोत्तम मास यानि मलमास पड़ता है उस साल 26 एकादशी होता है। इस वर्ष पुरुषोत्तम मास होने के वजह से 26 एकादशी होंगी। इन 26 एकादशियों में निर्जला एकादशी विशेष महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसे पाण्डव एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। निर्जला एकादशी व्रत एक दिन पूर्व से यानि दशमी तिथि के दिन से ही नियमों का पालन करना चाहिए।
क्या निर्जला एकादशी में बिल्कुल नहीं पीना चाहिए पानी?
इस दिन दान-पुण्य और गंगा स्नान का विशेष महत्व है। एकादशी व्रत मुख्य रूप से सृष्टि के संघचालक श्रीभगवान विष्णुजी के निमित्त किया जाता है। इस दिन स्नान के बाद 'ऊँ नमो बासुदेवाय' मंत्र का जाप करना चाहिए। 24 घण्टे बिना अन्न-जल के संयमित रहकर दूसरे दिन द्वादशी तिथि को स्नान करने के बाद तुलसी के पत्तों से श्रीभगवान विष्णुजी की पूजा- अर्चना करनी चाहिए।
Nirjala Ekadashi 2018: जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व
तत्पश्चात ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा सहित विदा करने के उपरांत श्रीभगवान विष्णुजी को स्मरण करते हुये स्वंय भोजन ग्रहण करना चाहिए। ऐसा करने से व्रत पूर्ण होता है। शास्त्रोक्त मान्यतानुसार सभी पापों का नाश होता है और देवलोक में परम पद प्राप्त होता है। पदम् पुराणानुसार निर्जला एकादशी के दिन व्रत करने से सभी तीर्थों में स्नान करने का पुण्य मिलता है। इस दिन जो धर्मप्रायणी दान करता है, वो सम्सत पापों का नाश करते हुए देवलोक में परम् पद को प्राप्त करता है।