ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News AstrologyNavratri Astrology in Hindi

तप, शक्ति, संयम का आशीष प्रदान करती हैं मां ब्रह्मचारिणी 

नवरात्रि में दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना की जाती है। मां की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। मां ब्रह्मचारिणी की आराधना से तप, शक्ति, त्याग, सदाचार, संयम में

तप, शक्ति, संयम का आशीष प्रदान करती हैं मां ब्रह्मचारिणी 
Arpanलाइव हिन्दुस्तान टीम,meerutTue, 27 Sep 2022 02:40 AM

इस खबर को सुनें

0:00
/
ऐप पर पढ़ें

नवरात्रि में दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना की जाती है। मां की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। मां ब्रह्मचारिणी की आराधना से तप, शक्ति, त्याग, सदाचार, संयम में वृद्धि होती है। मां का सच्चे मन से ध्यान करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। मां की कृपा से मनुष्य का मन कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी विचलित नहीं होता।

मां ब्रह्मचारिणी साक्षात ब्रह्म स्वरूप हैं। मां ब्रह्मचारिणी पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं। भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए मां ब्रह्मचारिणी ने कठोर तपस्या की। इसीलिए मां को तपश्चारिणी भी कहा जाता है। कई हजार वर्षों तक निर्जल और निराहार रहकर मां तपस्या करती रहीं। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से सदैव विजय प्राप्त होती है। नवरात्र में दूसरे दिन सुबह स्नान कर पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर शुद्धि कर लें। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। मां का गंगाजल से अभिषेक करें। मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें। प्रसाद के रूप में फल और मिठाई अर्पित करें। धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें। मां की आरती करें। मां ब्रह्मचारिणी को गुड़हल और कमल का फूल पसंद है। मां को भोग में चीनी, मिश्री और पंचामृत का भोग लगाएं। मां ब्रह्मचारिणी को दूध से बने व्‍यंजन प्रिय हैं। दुर्गा चालीसा के साथ दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। मां की उपासना करने से धैर्य के साथ और ज्ञान की प्राप्ति होती है। 

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें