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Navratri 2021 8th Day: दुर्गा अष्टमी या महाष्टमी आज, जानिए मां महागौरी की संपूर्ण पूजन विधि, भोग, प्रिय पुष्प और रंग

मां दुर्गा को समर्पित त्योहार नवरात्रि अब समापन की ओर की है। नवरात्रि में मां दुर्गा के अलग-अलग नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। 13 अक्टूबर को नवरात्रि का आठवां दिन है। नवरात्रि के आठवें...

Navratri 2021 8th Day: दुर्गा अष्टमी या महाष्टमी आज, जानिए मां महागौरी की संपूर्ण पूजन विधि, भोग, प्रिय पुष्प और रंग
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 13 Oct 2021 07:11 AM

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मां दुर्गा को समर्पित त्योहार नवरात्रि अब समापन की ओर की है। नवरात्रि में मां दुर्गा के अलग-अलग नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। 13 अक्टूबर को नवरात्रि का आठवां दिन है। नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। माता का रंग अत्यंत गोरा है, इसलिए इन्हें महागौरी के नाम से पुकारते हैं। शास्त्रों के अनुसार, मां महागौरी ने कठिन तप कर गौर वर्ण प्राप्त किया था। मान्यता है कि मां महागौरी भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं और उनके बिगड़े कामों को पूरा करती हैं। जानिए दुर्गाष्टमी या महाष्टमी के दिन कैसे करें पूजा, प्रिय पुष्प, रंग और मंत्र-

महागौरी का प्रिय फूल-

शास्त्रों के अनुसार, मां गौरी दांपत्य प्रेम की देवी हैं। माता महागौरी की पूजा करते समय पीले या सफेद वस्त्र भी धारण कर सकते हैं। महागौरी का पूजन करते समय पीले फूल अर्पित करने चाहिए।

भोग-

महागौरी को हलवा का भोग लगाना चाहिए। मान्यता है कि माता रानी को काले चने प्रिय हैं।

मां महागौरी की पूजाविधि-

सबसे पहले सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।

इसके बाद चौकी पर माता महागौरी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद गंगा जल से शुद्धिकरण करना चाहिए।

अब चौकी पर चांदी, तांबे या मिट्टी के घड़े में जल भरकर उस पर नारियल रखकर कलश स्थापना करें। 

इसके बाद चौकी पर श्रीगणेश, वरुण, नवग्रह, षोडश मातृका (16 देवी), सप्त घृत मातृका (सात सिंदूर की बिंदी लगाएं) आदि की स्थापना करें।

अब महाष्टमी या दुर्गाष्टमी व्रत का संकल्प लें और मंत्रों का जाप करते हुए मां महागौरी समेत समस्त देवी-देवताओं का ध्यान लगाएं। 

अब मां महागौरी का आवाहन, आसन, अध्र्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, आभूषण, फूल, धूप-दीप, फल, पान, दक्षिणा, आरती, मंत्र  आदि करें। इसके बाद प्रसाद बांटें।

महाष्‍टमी की पूजा के बाद कन्याओं को भोजन कराना उत्तम माना गया है। कहते हैं कि ऐसा करने से मां महागौरी शुभ फल देती हैं।

इन मंत्रों से मां महागौरी का करें जाप-

1. श्वेते वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचि:।
महागौरी शुभं दद्यान्त्र महादेव प्रमोददो।।

2. या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

3. ओम महागौरिये: नम:।

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