Navratri 2018: पूरी श्रद्धा से की गई मां सिद्धिदात्री की पूजा
आश्विन शुक्ल पक्ष नवमी है दुर्गा के नवें स्वरूप के रूप में सिद्धिदात्री की पूजा व उपासना की जाती है। माता सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों को पूर्ण करने वाली है, कहा जाता है कि भगवान शिव ने भी इनकी उपसना...
आश्विन शुक्ल पक्ष नवमी है दुर्गा के नवें स्वरूप के रूप में सिद्धिदात्री की पूजा व उपासना की जाती है। माता सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों को पूर्ण करने वाली है, कहा जाता है कि भगवान शिव ने भी इनकी उपसना कर परम सिद्धि को प्राप्त कीं। कमल आसन पर विराजमान माता सिद्धिदात्री के चारो भुजाओं में कमल के फुल, शंख, चक्र और गदा शोभित हैं। इस दिन मां के व्रत पूरे करके कन्या पूजन किया जाता है और कन्या खिलाईं जाती हैं। नवमी तिथि को भी हवन - कीर्तन का भी विधान है। नवमी तिथि को कन्या को भोजन कराया जाता है एवं वस्त्राभूषण दिये जाते हैं। गृहस्थ जीवन के सभी सुख एवं समृद्धि, विकास एवं स्वस्थ रहने के लिए सिद्धिदात्री की अराधना करनी चाहिए। लक्ष्मी स्वरूपा माता सुख-समृद्धि देने वाली तथा विघ्न-वाधा को दुर करने वाली हैं।
Dussehra: 2018: 19 अक्टूबर को है दशहरा, यह है रावण दहन का शुभ मुहूर्त
नवमी 18 अक्टूबर 2018 को कन्या पूजन के शुभ मुहूर्त
सुबह 6 बजकर 29 मिनट से 7 बजकर 54 मिनट तक
सुबह 10 बजकर 46 मिनट से दोपहर 3 बजकर 3 मिनट तक
Bhojpuri song: नवरात्रि में आपको पसंद आएंगे भोजपुरी के ये माता के गाने
मंत्र -
सिद्ध गन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि ।
सेव्यमाना सदाभूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी ।।
महागौरी की पूजा अर्चना से जीवन के सभी प्रकार के संताप एवं पापों का नाश होता है एवं सुख समृद्धि की बृद्धि होती है ।
अष्टमी-नवमी 2018: नवरात्रि के आखिरी दो दिन किए ये उपाय आपको बनाएंगे धनवान
शास्त्रों में वर्णन :-
विप्रां सर्वेष्टसंसिद्धयै यशसे क्षत्रियोद्भवाम ।
वैश्यजां धनलाभाय पुत्राप्त्यै शुद्रजां यजेत् ।।
समस्त कार्य की सिद्धि के लिए ब्राह्मण कन्याओं का यश प्राप्ति के लिए क्षत्रिय कन्याओं का, धन प्राप्ति के लिए वैश्य कन्याओं का और पुत्र प्राप्ति के लिए मजदुर वर्ग की कन्याओं का पूजन करना चाहिए ।