नव संवत्सर 2080: 13 महीनों वाले साल का 13 राग-रागिनियों से होगा शृंगार
Nav Samvatsar 2023:काशी की चिर पुरातन सतत जीवनधारा के नित्य नूतन होने का एक और प्रमाण चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर मिलेगा। 13 महीनों वाले भारतीय नववर्ष का शृंगार गंगा किनारे 13 राग-रागिनियों से किया जाएगा।
Nav Samvatsar 2080 : काशी की चिर पुरातन सतत जीवनधारा के नित्य नूतन होने का एक और प्रमाण चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर मिलेगा। 13 महीनों वाले भारतीय नववर्ष का शृंगार गंगा किनारे 13 राग-रागिनियों से किया जाएगा। 22 मार्च को अस्सी घाट पर शाम पांच बजे से भातखंडे काशी संगीत विद्यापीठ की ओर से यह आयोजन प्राचीन संगीत बैठक की तर्ज पर होगा।
‘नल’ नामक भारतीय नव संवत्सर 2080 13 महीनों का होगा। सावन के मध्य अधिमास लगने से इस वर्ष एक महीने की वृद्धि रहेगी। इस विशिष्टता को ध्यान में रखते हुए मानमंदिर स्थित भातखंडे काशी संगीत विद्यापीठ ने तीन सौ वर्ष पुरानी संगीत बैठक की तर्ज पर ‘नव संवत्सर शृंगार’ उत्सव की रूपरेखा तैयार की है। संस्थान के निदेशक अमित त्रिवेदी ने बताया कि मुक्ताकाशीय वातावरण में राग-रागिनियों के गायन-वादन में साउंड सिस्टम का इस्तेमाल नहीं होगा। कार्यक्रम में कलाकार संयोजन का दायित्व शिवी केशरी और प्रज्ञा शर्मा को दिया गया है।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 2023 डेट:
नव संवत्सर 2080 का पहला माह चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है। इसी दिन हिन्दुओं का पवित्र पर्व चैत्र नवरात्रि का भी शुभारंभ होता है। इस बार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि 21 मार्च को रात 10.52 बजे से शुरू होगी। लेकिन प्रतिपदा की उदया तिथि 22 मार्च होने के चलते नवरात्रि का पहला दिन और हिन्दू नवर्वष 22 मार्च 2023 से माना जाएगा। इस प्रकार से नवरात्रि भी 22 मार्च से शुरू होकर 30 मार्च 2023 तक चलेंगी।
प्रत्येक पूर्णिमा को होगी संगीत बैठक
कार्यक्रम संयोजक पखावज वादक पं. रविशंकर शुक्ल ने बताया कि 22 मार्च को सायं पांच बजे अस्सी घाट स्थित पिज्जेरिया रूफ टॉप पर ‘नव संवत्सर शृंगार’ के लिए सायं एवं रात्रि कालीन राग-रागिनियों का चयन किया गया है। इनमें राग यमन, राग पुरिया धनश्री, राग जोग, राग मालकौंस और इनके समवर्ती राग प्रमुख हैं। इसी के साथ मासिक संगीत बैठक शृंखला शुरू होगी। यह प्रत्येक महीने पूर्णिमा पर होगी।