Karwa Chauth 2020: करवाचौथ पर इतने बजे निकलेगा चांद, पूरे दिन रहेगा यह खास योग
चार नवंबर यानी बुधवार को को सौभाग्यवती महिलाओं के पति की दीर्घायु के निमित्त किए जाने वाला करवाचौथ का व्रत अमृत सिद्धि योग एवं शिव योग में मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य पं.शिवकुमार शर्मा के अनुसार...
चार नवंबर यानी बुधवार को को सौभाग्यवती महिलाओं के पति की दीर्घायु के निमित्त किए जाने वाला करवाचौथ का व्रत अमृत सिद्धि योग एवं शिव योग में मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य पं.शिवकुमार शर्मा के अनुसार बुधवार को मृगशिरा नक्षत्र होने से अमृत सिद्धि योग बनता है। इस दिन 28 योगों में शिव योग आ रहा है। शिव का अर्थ होता है कल्याणकारी।ऐसे योग में करवाचौथ का व्रत सौभाग्यवती महिलाओं के पति की दीर्घायु देने वाला होता है।
देहि मे सौभाग्यं आरोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।
दुर्गा सप्तशती के इस मंत्र में मां भगवती से सुख, सौभाग्य, आरोग्य और विजय की याचना की गई है। इस दिन सौभाग्यशाली महिलाएं प्रातः काल से व्रत रखकर भगवान शिव और पार्वती की पूजा करती हैं। अपने घर की बड़ी महिलाओं सास अथवा जेठानी आदि से करवा चौथ की कहानी सुनती हैं। शाम को महिलाएं भोजन आदि का बायना निकालकर अपनों से बड़ी महिला को देती हैं और उनका आशीर्वाद लेती हैं। कहीं-कहीं इस अवसर पर करवाचौथ की सामूहिक कथा सुनने का भी आयोजन होता है ।
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करवाचौथ पूजन का मुहूर्त
पं.शिवकुमार शर्मा के अनुसार दिन में 1:30 बजे से 3:00 बजे तक कुंभ लग्न (स्थिर लग्न) बहुत शुभ माना गया है। उसके पश्चात 4:30 बजे से और 6:00 बजे तक महिलाएं करवा चौथ की कहानी सुनकर पुण्य कमा सकती हैं। दिल्ली और आसपास के क्षेत्र में चार नवंबर को शाम को 8:14 बजे चन्द्र उदय होगा। चंद्रोदय के समय में विभिन्न स्थानों पर थोड़ा अंतर हो सकता है। प्रातःकाल से व्रती महिलाएं चंद्रमा के दर्शन कर उन्हें जल का अर्घ्य देकर अपने पति के दर्शन करती हैं और पैर छू करके उनका आशीर्वाद लेती हैं। इसके पश्चात घर के बड़े सदस्यों के पैर छूकर के आशीर्वाद लेती हैं और तब व्रत खोलती हैं।
(ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)