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मोक्षदा एकादशी: इस व्रत के प्रभाव से पूर्वजों को होती है मोक्ष की प्राप्ति

हर वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना कर उपवास रखा जाता है। मोक्ष की प्रार्थना के लिए यह एकादशी मनाई जाती है।...

मोक्षदा एकादशी: इस व्रत के प्रभाव से पूर्वजों को होती है मोक्ष की प्राप्ति
लाइव हिन्दुस्तान टीम, मेरठ Wed, 08 Dec 2021 11:34 AM

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हर वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना कर उपवास रखा जाता है। मोक्ष की प्रार्थना के लिए यह एकादशी मनाई जाती है। मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती एक दिन ही पड़ती है। इस दिन भगवान कृष्ण ने महाभारत में अर्जुन को भगवद गीता का उपदेश दिया था।

माना जाता है कि इस दिन उपवास रखने और भगवान कृष्ण की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और पूर्वजों को स्वर्ग तक पहुंचने में मदद मिलती है। मोक्षदा एकादशी की तुलना मणि चिंतामणि से की जाती है, मान्यता है कि इस दिन पूजा-अर्चना करने और उपवास रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

इस साल मोक्षदा एकादशी 14  दिसंबर को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत के प्रभाव से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। व्रतियों के सभी पापों का नाश होता है और उनकी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की 11वीं तिथि को एकादशी कहते हैं। एकादशी को भगवान विष्णु को समर्पित एक दिन माना जाता है। एक महीने में दो पक्ष होने के कारण दो एकादशी आती हैं, एक शुक्ल पक्ष की और दूसरी कृष्ण पक्ष की। इस प्रकार, एक वर्ष में कम से कम 24 एकादशी हो सकती हैं, लेकिन अधिक मास (अतिरिक्त महीने) के मामले में यह संख्या 26 भी हो सकती है।

मोक्षदा एकादशी का मुहूर्त 
इस वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 13 दिसंबर दिन सोमवार को रात 09 बजकर 32 मिनट से हो रहा है. एकादशी तिथि अगले दिन 14 दिसंबर को रात 11 बजकर 35 मिनट तक है। व्रत के लिए उदयातिथि ही मान्य होती है, इसलिए मोक्षदा एकादशी का व्रत 14 दिसंबर दिन मंगलवार को रखा जाएगा।

एकदाशी तिथि प्रारंभ:  13 दिसंबर, रात्रि 9: 32 बजे से 
एकदाशी तिथि समाप्त: 14 दिसंबर रात्रि 11:35 बजे पर
व्रत का पारण: 15 दिसंबर सुबह 07:05 बजे से प्रातः 09: 09 बजे तक

मोक्षदा एकादशी का महत्व
मोक्षदा एकादशी का अर्थ है मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी। इस एकादशी का उपवास करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त होता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अजुर्न को गीता का उपदेश दिया था, इसलिए मोक्षदा एकादशी का महत्व और बढ़ जाता है।

व्रत विधि
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि के बाद घर और पूजा के स्थान की सफाई करें
घर के मंदिर में भगवान को गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें वस्त्र अर्पित करें। 
भगवान को रोली और अक्षत का तिलक लगाकर भोगसवरूप फल आदि अर्पित करें। 
इसके बाद नियमानुसार भगवान की पूजा अर्चन कर उपवास आरंभ करें   

 

 

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