Mauni Amavasya 2020: मौनी अमावस्या पर आखिर क्यों रखा जाता है मौन, जानें क्या है इसका धार्मिक महत्व
Mauni Amavasya 2020: हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या या माघी अमावस्या मनाई जाती है। इस वर्ष मौनी अमावस्या 24 जनवरी 2020, शुक्रवार को पड़ रही है। मौनी...
Mauni Amavasya 2020: हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या या माघी अमावस्या मनाई जाती है। इस वर्ष मौनी अमावस्या 24 जनवरी 2020, शुक्रवार को पड़ रही है। मौनी अमावस्या के दिन मौन रखकर संयमपूर्वक व्रत किया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से व्यक्ति को मुनि पद प्राप्त होता है। मौनी अमावस्या पर मौन व्रत को लेकर यह भी कहा जाता है कि होठों से प्रभु के नाम का जाप करने पर जितना पुण्य प्राप्त होता है, उससे कई गुणा ज्यादा पुण्य मन में हरी नाम का जप करने से प्राप्त होता है।
मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त-
अमावस्या तिथि प्रारम्भ- सुबह 2 बजकर 17 मिनट से (24 जनवरी 2020)
अमावस्या तिथि समाप्त- अगले दिन सुबह 3 बजकर 11 मिनट तक (25 जनवरी 2020)
मौनी अमावस्या का महत्व-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने से पितरों को शांति मिलती है। मौनी अमावस्या पर किया गया दान-पुण्य का फल सतयुग के ताप के बराबर मिलता है। कहा जाता है कि इस दिन गंगा का जल अमृत की तरह हो जाता है। इस दिन प्रात: स्नान करने के बाद भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करनी चाहिये। श्री हरि को पाने का सुगम मार्ग है माघ मास में सूर्योदय से पूर्व किया गया स्नान। इसमें भी मौनी अमावस्या को किया गया गंगा स्नान अद्भुत पुण्य प्रदान करता है।
मौनी अमावस्या पर क्यों रखा जाता है मौन व्रत-
मौनी अमावस्या पर मौन रख व्रत किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य को आत्मा और चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है। माना जाता है कि मन चंद्रमा की तरह चंचल होता है और अक्सर साधना-आराधना के दौरान भटक जाता है। ऐसे में किसी साधना को निर्विघ्न रूप से पूरा करने के लिए मन को नियंत्रित करना आवश्यक होता है।
व्यक्ति अपने मन की सभी इच्छाओं को अक्सर वाणी द्वारा ही प्रकट करता है। ऐसे में मन पर नियंत्रण पाने के लिए माघ मास की अमावस्या के दिन मौन रखकर स्नान करने का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मन और वाणी पर नियंत्रण रखते हुए स्नान करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।