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Mangal ka rashi parivartan: मंगल के राशि परिवर्तन और राहु का साथ, कन्या से मीन राशि वालों पर ये होंगे शुभ-अशुभ प्रभाव

भूमि भवन वाहन के कारक ग्रह मंगल का गोचरीय परिवर्तन देव गुरु बृहस्पति की राशि मीन से स्वयं की राशि मेष में 26 जून 2022 दिन रविवार को दिन में 3:35 के बाद होने जा रहा है। मंगल का यह परिवर्तन अपनी स्वराशि

Mangal ka rashi parivartan: मंगल के राशि परिवर्तन और राहु का साथ, कन्या से मीन राशि वालों पर ये होंगे शुभ-अशुभ प्रभाव
Anuradha Pandeyपं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली,नई दिल्लीWed, 22 Jun 2022 01:41 PM
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भूमि भवन वाहन के कारक ग्रह मंगल का गोचरीय परिवर्तन देव गुरु बृहस्पति की राशि मीन से स्वयं की राशि मेष में 26 जून 2022 दिन रविवार को दिन में 3:35 के बाद होने जा रहा है। मंगल का यह परिवर्तन अपनी स्वराशि में होगा। ऐसे में मंगल अपना संपूर्ण प्रभाव दे पाने में सफल होगा परंतु राहु के साथ गोचर करने के कारण कुछ फलों में परिवर्तन भी दिखाई देगा यहां हम कन्या से मीन लग्न पर्यंत के जातकों पर क्या प्रभाव होगा प्रभाव इसको जानेंगे।

कन्या लग्न :- कन्या लग्न वालों के लिए मंगल अष्टम एवं पराक्रम भाव के कारक होने के कारण शुभ फल प्रदायक ग्रह के रूप में कार्य नहीं करता है।  अष्टम भाव में स्वगृही होकर गोचर करने से विपरीत राजयोग का निर्माण भी होगा । ऐसी स्थिति में पुरानी बीमारी से मुक्ति की स्थिति बनेगी । वाणी की तीव्रता में वृद्धि। पारिवारिक तनाव या चिन्ता की स्थिति । भाई बंधुओं के स्वास्थ्य को लेकर के चिंता की स्थिति। पेट की समस्या। आय के साधनों में रुकावट के साथ प्रगति की स्थिति के योग बनेंगे।

तुला :- तुला लग्न वालों के लिए मंगल सप्तम एवं धन भाव के कारक होकर सम फल प्रदायक होते हैं। ज्यादा शुभ फल प्रदान नहीं करते है। ऐसे में सप्तम भाव में अर्थात दांपत्य भाव में स्वराशि के होकर गोचर करने जा रहे हैं वह भी राहु के साथ । ऐसी स्थिति में क्रोध में अधिकता । वाणी में तीव्रता। दांपत्य में तनाव या अवरोध की स्थिति के साथ प्रगति की स्थिति। प्रेम संबंधों में टकराव की स्थिति या विवाद की स्थिति । साझेदारी के कार्यों में तनाव के साथ प्रगति की स्थिति। दैनिक आय में भी ज्यादा प्रयास के बाद कम सफलता की संभावना बनेगा । भौतिक संसाधनों के प्रति तीव्रता के साथ झुकाव भी बढ़ेगा।
वृश्चिक :- वृश्चिक लग्न वालों के लिए मंगल लग्नेश होने के कारण परम शुभ फल प्रदान होते हैं । ऐसी स्थिति में छठे भाव में स्वगृही होकर गोचर करने से मंगल के प्रभाव में संपूर्णता दिखाई देगा । यद्यपि कि मंगल के साथ राहु भी छठे भाव में गोचर करेंगे फलत: शत्रु पर विजय की स्थिति। पुराने रोगों से मुक्ति की स्थिति । मनोबल में वृद्धि। भाग्य में सकारात्मक परिवर्तन। क्रोध में वृद्धि के साथ-साथ स्वास्थ्य में थोड़ा सा तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकता है। मनोबल में भी कमी हो सकता है मूल कुंडली के अनुसार मंगल का उपाय किया जाना लाभदायक होगा।
धनु :- धनु लग्न वालों के लिए मंगल एवं पंचम भाव के कारक होने के कारण शुभ फल प्रदाय के रूप में कार्य करते हैं शुभ फल प्रदाय के रूप में प्रभाव स्थापित करते हैं शुभ फल प्रदान ग्रह माने जाते हैं ऐसी स्थिति में मंगल पंचम भाव में अपनी ही रात में मंगल के साथ गोचर करेंगे ऐसी स्थिति में संतान पक्ष से शुभ समाचार के साथ-साथ थोड़ा सा तनाव भी हो सकता है अध्ययन अध्यापन में अवरोध के साथ वृद्धि की स्थिति आय के साधनों में सामान और बुध के साथ वृद्धि की स्थिति यात्रा में खर्च की स्थिति पेट की समस्या में वृद्धि की संभावना है 

मकर :-  मकर लग्न वालों के लिए मंगल सुख एवं लाभ भाव के कारक होने के कारण सम फ़ल प्रदायक ग्रह के रूप में माने जाते हैं । सुख भाव में स्वगृही होकर गोचर करने से सुख के साधनों में वृद्धि। माता के स्वास्थ्य में सुधार। जमीन जायदाद से जुड़े कार्यों से लाभ की स्थिति । क्रोध में अधिकता । दांपत्य में तनाव का वातावरण बनेगा। प्रेम संबंधों में अवरोध या तनाव के साथ-साथ आय के साधनों में सकारात्मक परिवर्तन की स्थिति उत्पन्न होगा। अचानक से धन लाभ की भी स्थिति उत्पन्न हो सकता है । राहु के कारण माता का स्वास्थ्य एवं वाहन के सुख को लेकर थोड़ी सी चिंता अवश्य हो सकती है।

कुंभ लग्न :- कुंभ लग्न वालों के लिए मंगल पराक्रम एवं राज्य भाव के कारक होने के कारण समफल प्रदायक ग्रह के रूप में माने जाते हैं। पराक्रम भाव में अपनी ही राशि में गोचर करने के कारण पराक्रम में वृद्धि। भाई बंधुओं मित्रों के सहयोग सानिध्य में वृद्धि। सामाजिक पद प्रतिष्ठा में वृद्धि शत्रुओं पर विजय की स्थिति । पुराने रोगों से मुक्ति की स्थिति। भाग्य में सकारात्मक परिवर्तन के साथ-साथ नौकरी व्यवसाय में भी परिवर्तन के संयोग बन सकते हैं।मंगल के साथ राहु होने के कारण भाई बंधुओं मित्रों के स्वास्थ्य को लेकर की चिंता की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है ।

मीन :-  मीन लग्न में मंगल धन एवं भाग्य के कारक होने के कारण परम शुभ फल प्रदान ग्रह के रूप में माने जाते हैं । यहां मंगल धन भाव में अपनी ही राशि में राहु के साथ गोचर करेंगे परिणाम स्वरूप वाणी में तीव्रता। दांत की समस्या । परिवार में अचानक खर्च वृद्धि की स्थिति के साथ-साथ धन में वृद्धि के योग बनेंगे। परिवार में नया कार्य होगा । वाणी व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय सकारात्मक होगा। संतान पक्ष से शुभ समाचार एवं लाभ की प्राप्ति होगी। भाग्य में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा।

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