सक्सेस मंत्र: बिना एकता के इंसानों में कोई ताकत नहीं होती- सरदार पटेल
हमारे यहां कई ऐसे महापुरुष हुए हैं जिन्होंने देश को समय समय पर एक नई राह दिखाई है। इन महापुरषों के विचारों ने देशवासियों को एक नई ऊर्जा और सोच का अनुभव कराया है। देश के ऐसे ही महापुरुषों में से एक...
हमारे यहां कई ऐसे महापुरुष हुए हैं जिन्होंने देश को समय समय पर एक नई राह दिखाई है। इन महापुरषों के विचारों ने देशवासियों को एक नई ऊर्जा और सोच का अनुभव कराया है। देश के ऐसे ही महापुरुषों में से एक हैं देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल। सरदार पटेल की जयंती को 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि उन्होंने देश को एकता के सूत्र में बांधने का जो काम किया है वह शायद किसी और के बस में न था। सरदार पटेल के गंभीर समझ, दूरदर्शिता और अनुशासनपूर्ण विचार आज भी लोगों को एक नई राह दिखाने का सामर्थ्य रखते हैं। तो आइए राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर जानें सरदार पटेल के कुछ ओजपूर्ण विचार-
1- बिना एकता के मानवशक्ति में कोई ताकत नहीं होती जब तक कि सभी मिलजुल कर और संगठित होकर नहीं रहते। ऐसा होने पर यह एक अध्यात्मिक ताकत बन जाती है।
2 - छोटा तालाब एक ठहरे हुए पानी का स्थान और बिना काम हो जाता है। लेकिन यदि सभी छोटे तालाब एक बड़ी झील से जुड़े हों तो वातावरण ठंडा होता है और सभी को इसका लाभ मिलता है।
3- यह हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह यह अनुभव करे की उसका देश स्वतंत्र है और उसकी स्वतंत्रता की रक्षा करना उसका कर्तव्य है। हर एक भारतीय को अब यह भूल जाना चाहिए कि वह एक राजपूत है, एक सिख या जाट है। उसे यह याद होना चाहिए कि वह एक भारतीय है और उसे इस देश में हर अधिकार है पर कुछ जरूरी कर्तव्य भी हैं।
4- इस मिट्टी में कुछ अनूठा है , जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है।
5- बिना शक्ति के आस्था का महत्व नहीं होता। आस्था और ताकत, दोनों को महान कार्य करने के लिए जरूरी होती हैं।
6- यह मेरा स्वभाव है कि उनका मित्रहीनों का मित्र बनूं।
7- मेरी एक इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक बने और कोई भी भूखा न रहे, इस देश में कोई भोजन के लिए आंसू न बहाए।
(सोर्स: statueofunity.in)
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