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Makar Sankranti 2019: इस दिन सूर्य जाते है अपने पुत्र से मिलने, गंगा जा मिली थी सागर से

मकर संक्रांति ऐसा त्योहार है, जिसमें जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन दिया गया दान सौ गुना बढ़कर प्राप्त होता है। इस दिन भगवान सूर्यदेव धनु राशि छोड़...

Makar Sankranti 2019: इस दिन सूर्य जाते है अपने पुत्र से मिलने, गंगा जा मिली थी सागर से
लाइव हिन्दुस्तान ,नई दिल्लीMon, 14 Jan 2019 07:42 AM
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मकर संक्रांति ऐसा त्योहार है, जिसमें जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन दिया गया दान सौ गुना बढ़कर प्राप्त होता है। इस दिन भगवान सूर्यदेव धनु राशि छोड़ मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन से ही सूर्य की उत्तरायण गति प्रारंभ होती है। इस पर्व को फसलों और किसानों का त्योहार भी कहा जाता है। इस दिन किसान अच्छी फसल के लिए भगवान को धन्यवाद देते हैं। इस बार संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी।

मान्यता है कि इस दिन भगवान भास्कर अपने पुत्र शनि से मिलने स्वयं उनके घर जाते हैं। यह भी माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन ही गंगा जी, राजा भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा मिली थीं। मां यशोदा ने भगवान श्रीकृष्ण को प्राप्त करने के लिए इस दिन व्रत किया था। महाभारत काल में पितामह भीष्म ने अपनी देह त्यागने के लिए इस दिन का ही चयन किया था।

इस दिन दान का विशेष महत्व है। किसी को भी खाली हाथ न लौटाएं। दान में तिल का सामान अच्छा माना जाता है। मकर संक्रां‌ति के दिन क्रोध न करें। इस दिन पेड़ों की कटाई नहीं करनी चाहिए और सूर्य के ढलने के बाद भोजन ग्रहण न करें।

इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।

Makar Sankranti 2019: इस साल 14 नहीं, 15 को मनाई जाएगी मकर संक्रांति

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