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महामारी के बीच पितृ अमावस्या पर हरिद्वार में दिखी श्रद्धालुओं की भारी भीड़

हरिद्वार, हर की पौड़ी में पितृ अमावस्या पर तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ देखने को मिली। मार्च के मध्य में राज्य में बढ़ते कोरोना के मामलों के बाद से तीर्थयात्री इतनी बड़ी संख्या में यहां दर्शन करने के...

महामारी के बीच पितृ अमावस्या पर हरिद्वार में दिखी श्रद्धालुओं की भारी भीड़
हिन्दुस्तान टाइम्स ,हरिद्वारFri, 18 Sep 2020 12:26 AM
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हरिद्वार, हर की पौड़ी में पितृ अमावस्या पर तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ देखने को मिली। मार्च के मध्य में राज्य में बढ़ते कोरोना के मामलों के बाद से तीर्थयात्री इतनी बड़ी संख्या में यहां दर्शन करने के लिए पहुंचे। गढ़वाल-कुमाऊं क्षेत्र के तीर्थयात्रियों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और देश के अन्य हिस्सों से तीर्थयात्रियों को ब्रह्मकुंड, हर-की के गर्भगृह में भी देखा गया। वहीं, पौड़ी, कुशावर्त के गंगा घाटों और कनखल में सती घाट में भी बड़ी संख्या श्रद्धालु पहुंचे।हालांकि, जिले में बढ़ते कोविड-19 मामलों के मद्देनजर एहतियाती कदम के रूप में, हरिद्वार जिला प्रशासन ने नारायणी शिला-श्रद्धालु मंदिर को बंद कर दिया था। इस जगह पर श्राद्ध अनुष्ठान किए जाते हैं।

सिटी मजिस्ट्रेट जगदीश लाल ने कहा कि नारायणी शिला को शाम से बंद कर दिया गया था ताकि कोरोना  वायरस के फैलने के खतरे से बचा जा सके क्योंकि तीर्थयात्री संबंधित अनुष्ठान करने के लिए देश भर से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री प्रतिवर्ष पितृ अमावस्या पर आते हैं। इसके अलावा उन्होंने बताया 'नारायणी शिला पर श्राद्ध अनुष्ठान होते हैं, इसलिए प्रशासन ने इसे बंद करने का फैसला किया ताकि दूसरे राज्यों से पवित्र शहर में लोगों की भारी भीड़ से बचा जा सके लेकिन, हर-की-पौड़ी तीर्थयात्रियों के लिए पवित्र गंगा डुबकी के लिए खोला गया था। इसके अलावा यह सुनिश्चित किया गया था कि तीर्थयात्रियों के सामाजिक भेद मानदंडों और प्रवेश-निकास का प्रबंधन ठीक से किया जा सके। वहीं, गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा ने बताया '17 मार्च से जब गंगा आरती को सामान्य तीर्थयात्रियों के लिए बंद किया गया था, ऐसे में यह पहली बार है जब तीर्थयात्रियों इतना बड़ा जमावड़ा देखने को मिला है। इसके साथ ही पितृ अमावस्या पर हर-की-पौड़ी गंगा घाट पर डुबकी लगाने पर रोक हटाने के संबंध में हमारे सुझावों को सुनने के लिए हम प्रशासन को धन्यवाद देते हैं।' गंगा सभा अध्यक्ष ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में हरिद्वार में तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की अधिक संख्या देखने को मिलेगी।
वहीं, सुरक्षा की बात करें, तो हर-की-पौड़ी में प्रवेश के लिए पुलिस की तैनाती की गई थी और किसी भी भीड़भाड़ को दूर करने के लिए सामाजिक दूरियों को सुनिश्चित करने के लिए निकास के रास्ते बनाए गए थे। हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डी सेंथिल अबुदई कृष्ण प्रकाश, शहर के पुलिस अधीक्षक कमलेश उपाध्याय, सर्कल अधिकारी सिटी पूर्णिमा गर्ग ने हर-की-पौड़ी और आस-पास के गंगा घाटों पर कार्यवाही की निगरानी करने के लिए तैनात थे।
युवा संस्कृत-वैदिक विद्वान टेसू राज ने खुशी जाहिर करते हुए कहा 'सोलह दिनों की श्राद्ध अवधि के अंतिम दिन को देखकर हमें सामान्य स्थिति की उम्मीद जगी है, जो जल्द ही यहाँ और साथ ही देश में भी फिर से लौट आएगी। साथ ही, हम यह भी उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही कोविड वैक्सीन बन जाएगी, जिसके बाद महाकुंभ का आयोजन भव्य तरीके से होगा'।

Photo : RAMESHWAR GAUR (Hindustan Times) 

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