सिंदूर खेला के साथ विदा हुईं महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा
असत्य पर सत्य के प्रतीक विजयदशमी पर पंडालों में महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा की पूजा धूमधाम से की गई। रेलवे जंक्शन के पास मनोरंजन सदन में बंगाली समुदाय ने हर्षोल्लास के साथ मां दुर्गा की आराधना की।

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असत्य पर सत्य के प्रतीक विजयदशमी पर पंडालों में महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा की पूजा धूमधाम से की गई। रेलवे जंक्शन के पास मनोरंजन सदन में बंगाली समुदाय ने हर्षोल्लास के साथ मां दुर्गा की आराधना की। महिलाओं ने उल्लासपूर्वक सिंदूर उत्सव मनाया। सिंदूर लगाकर मां दुर्गा को विदा किया। उनसे जगत कल्याण का आशीर्वाद मांगा। पूजा के बाद दुर्गा प्रतिमाओं का रामगंगा के पास नियत स्थल पर विसर्जन किया गया।
बंगाली कल्चरल व वेलफेयर सोसाइटी की तरफ से बीते चार दिनों से दुर्गापूजा उत्सव धूमधाम से मनाया गया। बुधवार को सुबह आठ बजे विधिविधान से दशमी पूजा आरंभ हुई। मान्यता है कि मां दुर्गा शारदीय नवरात्र में चार दिन तक स्वर्ग से उतरकर अपने बच्चों मां सरस्वती, मां लक्ष्मी, कार्तिक और गणेशजी के साथ पृथ्वी पर आती हैं। पूजन के बाद अगले बरस फिर आने का वरदान मांगा।
फूल-मालाओं से सजे वाहन पर मां दुर्गा की मूर्ति को लेकर भक्त रामगंगा पहुंचे। रास्ते में भजनों पर भक्त नाचते-झूमते रहे। मातारानी के जयकारे से माहौल भक्तिमय हो गया। रामगंगा में नियत स्थान पर मूर्तियों का विसर्जन किया गया। विसर्जन के बाद सभी भक्त वापस मनोरंजन सदन आए। शांति जल और आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम में मनोज राय, चंचल डे, पल्लव राय, ध्रुव चटर्जी, सनत तरफदार आदि का सहयोग रहा। वहीं रामपुर गार्डन दुर्गाबाड़ी में हर्षोल्लास के साथ विजयदशमी का पर्व मनाया गया। महिलाओं ने सिंदूर उत्सव मनाया। मां दुर्गा का आशीष लिया। उसके बाद रामगंगा में मूर्ति विसर्जन हुआ।