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mahashivratri 2023 kab hai :शनि प्रदोष, सूर्य शनि की युति और भगवान शिव की रात्रि, 30 साल बाद महाशिवरात्रि पर ऐसे संयोग

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। 30 साल बाद शनि और सूर्य के योग के कारण यह पर्व बहुत ही खास होगा। शनि प्रदोष, शनिवार और भगवान शिव का अभिषेक तीनों एक दिन

mahashivratri 2023 kab hai :शनि प्रदोष, सूर्य शनि की युति और भगवान शिव की रात्रि, 30 साल बाद महाशिवरात्रि पर ऐसे संयोग
Anuradha Pandeyलाइव हिंदुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 08 Feb 2023 05:19 AM

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फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। 30 साल बाद शनि और सूर्य के योग के कारण यह पर्व बहुत ही खास होगा। शनि प्रदोष, शनिवार और भगवान शिव का अभिषेक तीनों एक दिन होने पर इस किए गए उपाय भी सफल होंगे। इस शिवरात्रि शनि अपनी ही राशि में हैं और सूर्य भी मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में आ रहे हैं, ऐसे में दोनों पिता और पुत्र एक ही राशि में विराजमान होंगे, शिवरात्रि के दिन यह योग 30 साल बाद बन रहा है।

महाशिवरात्रि का त्योहार 18 फरवरी को रात 8:03 पर प्रारंभ होगा और इसका समापन 19 फरवरी को शाम 4:19 पर होगा। आपको बता दें कि महाशिवरात्रि की पूजा निशिता काल में की जाती है। इसीलिए यह त्योहार 18 फरवरी को ही मनाया जाएगा।  शिवपुराण में उल्लेखित एक कथा के अनुसार इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था और भोलेनाथ ने वैराग्य जीवन त्याग कर गृहस्थ जीवन अपनाया था।

इस दिन महामृत्युंजय मंत्र के जाप और भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से भी भगवान शिव की कृपा मिलेगी, इसके साथ ही काले तिल को पानी में मिलाकर के साथ भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना भी अच्छा रहेगा। 

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