Maghi Purnima 2019: माघी पूर्णिमा आज, जानें पूजन विधि, स्नान, व्रत व दान का महत्व
आज (मंगलवार 19 फरवरी) माघी पूर्णिमा के स्नान के साथ ही पवित्र माघ माह समाप्त हो जाएगा। माघ मास में जल का यह कहना है- जो सूर्योदय होने से पूर्व ही मुझमें स्नान करता है, उसके बड़े से बड़े पाप भी हम...
आज (मंगलवार 19 फरवरी) माघी पूर्णिमा के स्नान के साथ ही पवित्र माघ माह समाप्त हो जाएगा। माघ मास में जल का यह कहना है- जो सूर्योदय होने से पूर्व ही मुझमें स्नान करता है, उसके बड़े से बड़े पाप भी हम तत्काल नष्ट कर उसे सर्वथा शुद्ध एवं पवित्र कर डालते हैं। धर्मशास्त्रों में कहा गया है कि जिसके पास समय व धन की कमी है, शरीर निरोगी नहीं है, वह माघ शुक्ल त्रयोदशी, चतुर्दशी व पूर्णिमा को ही विधि-विधान से स्नान कर व्रत व दान करें, तो संपूर्ण माघ स्नान का फल मिलता है।
पुराणों में माघी पूर्णिमा के बारे में लिखा है कि इस दिन भगवान विष्णु स्वयं गंगाजल में विराजमान रहते हैं। धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा कि संवत्सर में कौन-कौन सी तिथियां स्नान-दान में अधिक पुण्यप्रद हैं। तब जवाब में कृष्ण ने कहा, ‘माघ पूर्णिमा, वैशाख और कार्तिक पूर्णिमा समान ही फल प्रदान करती है। माघी पूर्णिमा में शिव की परमप्रिय काशी में जीवनदायनी गंगा का स्नान अद्भुत फल देता है। इस दिन हरिद्वार, गया, कुरुक्षेत्र आदि पवित्र स्थानों में भी अपने पितरों का विधि-विधान से जो तर्पण करता है, उसे पितृदोष से मिल रहे कष्टों से मुक्ति मिलती है। जिनकी कुंडली में सूर्य-चंद्रमा के साथ राहु या केतु मौजूद हैं, उन्हें तो अवश्य माघी पूर्णिमा को विधि-विधान से अपने पितृ हेतु तर्पण करना चाहिए।'
Magh purnima 2019: इस दिन करें ये उपाय, होगी अक्षय पुण्य की प्राप्ति
माघ महीने में व्रत-उपवास, दान आदि के अलावा सूर्योदय से पूर्व स्नान करने से गणेश, सूर्य, गंगा, दुर्गा, विष्णु, शिव आदि समस्त देवगण भी परम प्रसन्न होते हैं। गंगा, यमुना, सरस्वती के संगम सहित अन्य पवित्र तीर्थ स्थलों पर स्नान करने से दैहिक, दैविक, भौतिक आदि सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। देखा जाए तो माघ महीना बाकी बचे 11 महीनों को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है।