Magh Mela 2021: तीर्थराज प्रयाग में माघ मेले का मकर संक्राति पर पहला स्नान
दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक माघ मेला का “मकर संक्रांति” स्नान पर्व पर श्रद्धालु कोरोना की गाइडलाइन के बीच गुरूवार को स्नान करेंगे। आधी अधूरी तैयारियों के बीच पहला स्नान पर्व मकर...
दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक माघ मेला का “मकर संक्रांति” स्नान पर्व पर श्रद्धालु कोरोना की गाइडलाइन के बीच गुरूवार को स्नान करेंगे। आधी अधूरी तैयारियों के बीच पहला स्नान पर्व मकर संक्रांति 14 जनवरी को होगा। अभी तक कहीं घाट नहीं बने तो कहीं टेंट ही नहीं लगे। जो टेंट लगे भी उसमें सारी सुविधाएं नहीं मिली हैं। अभी कई संतों को जमीन का आवंटन भी बाकी है। प्रयाग के तीर्थ पुरोहितों को जमीन का आवंटन भी नहीं हुआ है। ऐसे में माघ मेला के दौरान श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए मेला क्षेत्र के अन्दर सेनेटाइजशन की व्यवस्था अभी नजर नहीं आ रही है। मेला क्षेत्र में श्रद्धालु, साधु-संत बिना मास्क लगाए ही इधर-उधर भ्रमण करते देखे जा सकते हैं। मेला क्षेत्र में सामाजिक दूरी का भी घ्यान नहीं रहा जा रहा है। हालांकि मेला प्रशासन ने कल्पवास करने आने वाले श्रद्धालुओं से साथ में कोरोना टेस्ट निगेटिव रिपोर्ट साथ लाने का निर्देश पहले ही जारी कर दिया था।
मेला क्षेत्र का परेड ग्राउंड अभी पूरी तरह से खाली है। यहां पर दुकानें भी नहीं लगी हैं। दुकानों के लिए जमीन का आवंटन किया जाएगा। ऐसे में स्नान पर्व के दिन दुकाने सजना मुश्किल है। झूला और मीना बाजार भी अब तक नहीं लगा है। स्नान घाट के रूप में संगम नोज तो तैयार हो गया। हालांकि अन्य क्षेत्रों में जो घाट बनाए जा रहे हैं। गंगा नदी पर पांच पांटून पुल श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए बना दिए गए,लेकिन सेक्टर चार और पांच में सड़कें पूरी तरह दुरुस्त नहीं हुई हैं।
जिलाधिकारी भानुचंद गोस्वामी ने मेला से संबधित अधिकारियों को स्नान पर्व से पहले आधे अधूरे काम को अतिरिक्त श्रमिक लगगाकर पूरा करने का निदेर्श दिया था। मेले में सभी काम को पूरा करने के लिए पांच जनवरी तक का समय दिया गया था ,जिसे बाद में बढ़ाकर 1० जनवरी तक किसी भी हाल में करने के निदेर्श दिये थे। बावजूद इसके अभी मेले में करीब 4० फीसदी काम बाकी पड़ा है।