संयम और सदाचार का आशीर्वाद प्रदान करती हैं मां ब्रह्मचारिणी
मां दुर्गा की नवशक्ति का दूसरा स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी हैं। भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या करने के कारण देवी को तपश्चारिणी अर्थात् ब्रह्मचारिणी नाम से अभिहित किया गया।...
मां दुर्गा की नवशक्ति का दूसरा स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी हैं। भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या करने के कारण देवी को तपश्चारिणी अर्थात् ब्रह्मचारिणी नाम से अभिहित किया गया। मां दुर्गा का यह स्वरूप भक्तों को अनंत फल प्रदान करने वाला है। मां की उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की वृद्धि होती है। मां ब्रह्मचारिणी को अपर्णा और उमा नाम से भी जाना जाता है।
मां ब्रह्मचारिणी को समस्त विद्याओं, वेद-शास्त्रों और ज्ञान की ज्ञाता माना गया है। देवी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप में भगवान ब्रह्मा की शक्ति समाई हुई है। मां त्याग और तपस्या की देवी हैं। मां ब्रह्मचारिणी की आराधना भक्तों को अनंत फल प्रदान करती है। मां की उपासना से कठिन संघर्ष की स्थिति में भी मन विचलित नहीं होता। माता के आशीर्वाद से सर्वत्र विजय की प्राप्ति होती है। जो भी साधक मां भगवती का व्रत करता है वह अपने जीवन में कभी नहीं भटकता। मां अपने भक्तों को तपस्या करने की शक्ति प्रदान करती हैं।
इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।