बुद्ध पूर्णिमा पर नहीं चंद्र ग्रहण का साया, जाने कैसे
16 मई को दिन सोमवार को वैशाख शुक्ल पूर्णिमा पर बुद्ध पूर्णिमा का उत्सव मनाया जाएगा। इस दिन महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था। यद्यपि पूर्णिमा का व्रत 15 मई 2022 को होगा, क्योंकि 16 मई को 9:43 बजे तक ही
इस खबर को सुनें
16 मई को दिन सोमवार को वैशाख शुक्ल पूर्णिमा पर बुद्ध पूर्णिमा का उत्सव मनाया जाएगा। इस दिन महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था। यद्यपि पूर्णिमा का व्रत 15 मई 2022 को होगा, क्योंकि 16 मई को 9:43 बजे तक ही पूर्णिमा है। उसके बाद प्रतिपदा आ जाएगी। जब पूर्णिमा सूर्यास्त से पहले ही समाप्त हो जाती है तो उसका व्रत और परायण पहले ही दिन चतुर्दशी को ही किया जाएगा। इसीलिए ग्रहण का कोई भी प्रभाव पूर्णिमा व्रत पर नहीं पड़ेगा।
16 मई को प्रातः 7:58 बजे से 11:25 बजे तक खग्रास चंद्रग्रहण होगा। यह चंद्र ग्रहण विदेशों में ही दिखाई देगा। इस ग्रहण को पश्चिमी यूरोप, मध्यपूर्व अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अर्जेंटीना, कोलंबिया, चिली, पेरु, ब्राज़ील, अटलांटिक महासागर, पेसिफिक महासागर, रोमानिया, पोलैंड, जर्मनी और कनाडा आदि देशों में देखा जा सकेगा। चंद्र ग्रहण का सूतक एवं प्रभाव उसी स्थान पर रहेगा जहां पर यह ग्रहण होगा। भारत में इसका कोई प्रभाव अथवा सूतक मान्य नहीं है। यह ग्रहण वृश्चिक राशि और विशाखा नक्षत्र में पड़ने जा रहा है। उपरोक्त स्थानों पर रहने वाले मेष, सिंह, वृश्चिक उपं धनु राशि वालों व्यक्तियों के लिए यह ग्रहण शुभ नहीं है।
(ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)