हनुमान जयंती विशेष: हर मनोकामना पूरी करते हैं लेटे हनुमान जी
इलाहाबाद में संगम तट के पास स्थित लेटे हनुमान जी का पौराणिक व अलौकिक मंदिर है। यहां हनुमान जी की 20 फीट लंबी शयनमुद्रा में मूर्ति स्थापित है। कहा जाता है कि दुनिया में यह एक मात्र मंदिर है जहां...
इलाहाबाद में संगम तट के पास स्थित लेटे हनुमान जी का पौराणिक व अलौकिक मंदिर है। यहां हनुमान जी की 20 फीट लंबी शयनमुद्रा में मूर्ति स्थापित है। कहा जाता है कि दुनिया में यह एक मात्र मंदिर है जहां हनुमान जी लेटे हुए मुद्रा में हैं।
भक्तों के दर्शन-पूजन के लिए मंदिर का पट सुबह 5 से दोपहर 12 बजे तक और दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है। मंगलवार और शनिवार को रात 11:30 बजे तक खुला रहता है। मंदिर की देखरेख बाघंबरी मठ के महंत व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि महाराज करते हैं। महंत के अनुसार हनुमान जी सभी भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं। जिन भक्तों की कामना पूरी हो जाती है वे यहां मंगलवार और शनिवार को निशान चढ़ाते हैं।
मंदिर का महात्म्य
मंदिर के बारे में मान्यता है कि लंका विजय के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम पुष्पक विमान से भारद्वाज ऋषि से आशीर्वाद लेने प्रयाग आए थे। उस समय हनुमान को शारीरिक पीड़ा हुई और अचेत होकर गिर जाते हैं, राम का दल आगे निकल जाता है। तब अंगद, हनुमान जी को खोजते हुए आते हैं और वटवृक्ष के नीचे हनुमान जी अचेत अवस्था में राम-राम उच्चारण करते हुए मिलते हैं। उस समय सीता जी ने हनुमान जी के शरीर में सिंदूर का लेपन कर नई जिंदगी देती हैं। यही वजह है कि यहां हनुमान की प्रतिमा लेटी हुई स्थिति में है और उन्हें सिंदूर चढ़ाया जाता है।
कहा जाता है कि करीब छह सौ साल पहले औरंगजेब ने भी हनुमान जी की प्रतिमा को हटाने का प्रयास किया था लेकिन प्रतिमा नहीं हिली। अंग्रेजों के समय में उन्हें सीधा करने का प्रयास किया गया था, लेकिन सफल नहीं हुए।