full supermoon of 2020: साल का आखिरी सुपरमून आज, जरूर करें दीदार
full supermoon of 2020 : चांद के दीवानों को आज बड़ा, चमकीला और खूबसूरत चांद का नजारा देखने को मिलेगा। यह फुल मून साल 2020 का आखिरी सुपरमून है। इसलिए आपको आज चंद्र दर्शन का मौका नहीं गंवाना...
full supermoon of 2020 : चांद के दीवानों को आज बड़ा, चमकीला और खूबसूरत चांद का नजारा देखने को मिलेगा। यह फुल मून साल 2020 का आखिरी सुपरमून है। इसलिए आपको आज चंद्र दर्शन का मौका नहीं गंवाना चाहिए। चंद्रमा की खूबसूरती के दीवाने फरवरी से फुल मून के इंतजार में थे। आज 7 मई के बाद अब 2021 में सुपरमून देखने को मिलेगा।
भारत में फुल मून को पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। चूंकि बैशाख पूर्णिमा को भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। भारत समेत एशिया के कई देशों में आज शाम को पूर्णिमा की चांद को देख जा सकेगा।
क्या होता है सुपरमून?
रिपोर्ट के अनुसार, जिस पूर्णिमा को चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है तब कुछ ज्यादा बड़ा और चमकीला दिखाई देता है। विज्ञान की भाषा में इसे सुपरमून या फ्लॉवर मून के नाम से जानते हैं। नासा की प्रेस रिलीज के अनुसार, इस बार तीन दिन- बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार (मंगलवार, बुधवार और गुरुवार पश्चिमी देशों में) तक सुपर मून देखने को मिलेगा।
सूर्यास्त से ही देख सकेंगे फुल मून-
रिपोर्ट के अनुसार यदि आप सुपर मून देखने को लेकर एक्साइटेड हैं तो आपको इसके लिए ज्यादा इंतजार करने की जरूरत नहीं है। सूरज ढलते ही शाम से आप सुपरमून देख सकते हैं।
भारत में पूर्णिमा का सुपर मून से ज्यादा अध्यात्मिक महत्व :
भारत में आस्थावान लोग पूर्णिमा का दिन साधना के लिए दीपावली और अमावस्या के बाद सबसे महत्वपूर्ण दिन मानते हैं। यहां सुपरमून और फ्लॉवर मून की उत्सुकता से ज्यादा पूर्णिमा को धर्म, आस्था और पूजा पाठ से जोड़कर देखा जाता है। पूर्णिमा की रात को बहुत से तंत्र-मंत्र की साधना करने वाले लोग विद्या को सिद्ध करते हैं। बहुत से धार्मिक लोग पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान या अन्य नदी व जलाशयों में स्नान करते हैं। मान्यता है कि आज के दिन पूजा अर्चना करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और सुख समृद्धि की वृद्धि होती है। आज के दिन लोग भगवान सत्यनारायण की कथा भी सुनते हैं। लेकिन इस बार कोरोना वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन होने के कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकलेंगे। ऐसे में घर में ही स्नान करके लोग संकेतिक पूजा पाठ कर सकते हैं।