Kumbh 2021: महाशिवरात्रि पर होगा पहला शाही स्नान, जानें क्या है कुंभ के पीछे की कहानी
महाशिवरात्रि पर हरिद्वार में लग रहे कुंभ का पहला स्नान होगा। इस दिन भारी संख्या में भक्त गंगामें डुबकी लगाएंगे। हालांकि कोरोना महामारी को देखते हुए बचाव की सभी गाइडलाइंस का पालन किया जाएगा। यहां आने...
महाशिवरात्रि पर हरिद्वार में लग रहे कुंभ का पहला स्नान होगा। इस दिन भारी संख्या में भक्त गंगामें डुबकी लगाएंगे। हालांकि कोरोना महामारी को देखते हुए बचाव की सभी गाइडलाइंस का पालन किया जाएगा। यहां आने वाले सभी का कोरोना टेस्ट जरूरी है। आपको बता दें कि इस बार महाशिवरात्रि पर इस बार बहुत ही सुंदर योग बन रहा है, इसलिए इस दिन स्नान और पूजा विशेष फल भक्तों को मिलेगा। पहले शाही स्नान में नागा साधु स्नान करेंगे। आपको बता दें कि 11 मार्च के बाद 12 अप्रैल सोमवती अमावस्या पर दूसरा शाही स्नान होगा। इसके बाद 14 अप्रैल को बैसाखी के दिन तीसरा शाही स्नान और 27 अप्रैल चैत्र पूर्णिमा पर चौथा शाही स्नान होगा।
यह है कुंभ के पीछे की कहानी:
पुराणों के अनुसार समुद्र मंथन के समय देवताओं और असुरों में अमृत कलश को लेकर युद्ध हुआ। देवता और असुर दोनों ही अमृत का कलश लेना चाहते थे। तभी इंद्र का पुक्ष जयंत धनवंतरी के हाथों से अमृत का कलश लेकर भाग गया। उसे देखकर देवता भी भाग गए। जयंत 12 सालों तक कलश लेकर भागा। इन 12 सालों में इस कलश को 12 स्थानों पर रखा। जहां 12 जगहों पर ये कलश रखा गया है अमृत की कुछ बूंदे भी उसमें गिर गईं। तभी से इन जगहों पर कुंभ लगता है। इनमें चार स्थान धरती पर हैं, जैसे हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक