जन्माष्टमी 2017: 5 फनों वाले कालिया नाग से भिड़ गए थे कान्हा, यमुना को किया था विष मुक्त
15 अगस्त को अद्भुत संगम होगा। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और आजादी की 70 वीं वर्
आजादी के महायोद्धा भगवान श्रीकृष्ण
15 अगस्त को अद्भुत संगम होगा। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और आजादी की 70 वीं वर्षगांठ। महाभारत का युद्ध इतिहास का सबसे बड़ा युद्ध कहा जाता है तो भारत की आजादी की लड़ाई भी। कृष्ण ने बचपन में अपने मामा कंस के आंतक से मुक्ति दिलाई तो बड़े होकर भले ही महाभारत का युद्ध नहीं लड़ा लेकिन अपने रणकौशल से पांडवों को जीत जरूर दिलाई।
कालिया नाग से दिलाई आजादी :
एक बार श्रीकृष्ण मित्रों के साथ यमुना नदी के किनारे गेंद से खेल रहे थे। भगवान ने जोर से गेंद फेंकी और वो यमुना में जा गिरी। भारी होने से वो सीधे यमुना के तल पर चली गई। समस्या यह थी कि उस समय यमुना में कालिया नाग रहता था। पांच फनों वाला नाग बहुत खतरनाक और विषधर था। उसके विष से यमुना काली हो रही थी और उसी जहर के कारण गोकुल के पशु यमुना का पानी पीकर मर रहे थे।
कान्हा बहुत छोटे थे, लेकिन मित्रों के जोर के कारण उन्होंने तय किया कि गेंद वो ही निकाल कर लाएंगे। कान्हा ने यमुना में छलांग लगा दी। कृष्ण ने कालिया नाग की पूंछ पकड़कर उसे मारना शुरू कर दिया। इस तरह भगवान कृष्ण ने मथुरावासियों को कालिया नाग के साथ यमुना को उसके विष से मुक्ति दिलाई।
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द्रौपदी की बचाई लाज
महाभारत में द्रौपदी का चीरहरण होते समय भगवान श्रीकृष्ण ने उसकी सहायता की और उसकी साड़ी को इतना बढ़ा दिया कि दु:शासन उतार न सका।
इंद्र के घमंड को किया चकनाचूर
द्वापरयुग में जब इंद्र ने दूसरे देवताओं की पूजा से नाराज होकर मूसलाधार बारिश की तो भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को एक अंगुली पर उठा लिया और लोगों की रक्षा की। इसी के साथ उन्होंने इंद्र का घमंड तोड़ा।
कौरवों से आजादी, पांडवों को दिलाई जीत : भगवान श्रीकृष्ण ने खुद सामने से महाभारत का युद्ध नहीं लड़ा लेकिन अपने रणकौशल से पांडवों को जीत जरूर दिलाई।