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गुरु पूर्णिमा 2017: जानें कितने प्रकार की होती है गुरु दीक्षाएं

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को 'गुरुपूर्णिमा' मनाई जाती हैं। इस बार ये 9 जुलाई को मनाई जाएगी। गुरु पूर्णिमा वर्षा ऋतु के आरम्भ होती है।

Meenakshi.naiduनई दिल्ली,नई दिल्लीSat, 08 Jul 2017 05:08 PM

जानें कितने प्रकार की होती है गुरु दीक्षाएं

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आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को 'गुरुपूर्णिमा' मनाई जाती हैं। इस बार ये 9 जुलाई को मनाई जाएगी। गुरु पूर्णिमा वर्षा ऋतु के आरम्भ होती है। इस ऋतु के बाद चार महीने तक पूजा यानी शिक्षा-ग्रहण का विधान है। इस दिन चारों वेदों के व महाभारत के रचियता, संस्कृत के परम विद्वान कृष्ण द्वैपायन व्यास जी का जन्मदिन भी मनाया जाता है। वैसे ही गुरु की दीक्षाएं भी कई प्रकार की होती है।

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गुरु पूर्णिमा 2017: जानें कितने प्रकार की होती है गुरु दीक्षाएं

गुरु पूर्णिमा 2017: जानें कितने प्रकार की होती है गुरु दीक्षाएं2 / 2

1. समय दीक्षा-जब आप साधना करना चाहते हैं तो सबसे पहले विचारों का शु़द्ध होना आवश्यक है। यह साधना मार्ग का प्रथम सूत्र है। 

2. मार्ग दीक्षा- इस दीक्षा में गुरु शिष्य को एक बीज मन्त्र देता है, जिस मन्त्र को शिष्य निरन्तर जाप करता है। ज्ञान दीक्षा- इस दीक्षा में साधक को सर्वप्रथम ध्यान के जरिये अपने विचारों को विशुद्ध करना बतलाया जाता है। 

3. शाम्भवी दीक्षा- यह एक ऐसी दीक्षा है, जिसमें साधना के दौरान आने वाली हर बाधा को दूर कर शिष्य की गुरु स्वयं रक्षा करने का संकल्प लेता है। 

4. चक्र जागरण दीक्षा- इस दीक्षा में गुरु शिष्य के शरीर में स्थित मूलाधार चक्र को जागृत करने की विधि बताकर निरन्तर सहायता करता है। 

5. विद्या दीक्षा- इस दीक्षा में गुरु अपने प्रिय शिष्य को अपने द्वारा प्राप्त ज्ञान की सिद्धियों को देता है अर्थात गुरु अपने ज्ञान के प्रकाश की ज्योति शिष्य के मस्तिष्क में प्रवेश करता है। 

6. पूर्णाभिषेक दीक्षा-यह एक पूर्ण दीक्षा है। इसमें गुरु अपने प्रिय शिष्य को सर्वस्व दे देता है। दीर्घ तप के बाद गुरु ने जो कुछ भी ज्ञान, सिद्धियां व आध्यात्मिक ऊर्जा अर्जन की होती है, वह सबकुछ अपने शिष्य को सौंप देता है।

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ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं  पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)