Ganesh Visarjan 2018: बप्पा को विदा करते समय यह चीजें भी रखें साथ
गणपति आज 23 सितंबर को 10 दिनों के बाद विदा हो जाएंगे। आपमें से कुछ लोगों को मालूम होगा कि गणेश उत्सव में जितना महत्व पूजा का होता है, उतनी ही अहम विसर्जन की पूरी प्रक्रिया भी है। आज पूरे दिन विसर्जन...
गणपति आज 23 सितंबर को 10 दिनों के बाद विदा हो जाएंगे। आपमें से कुछ लोगों को मालूम होगा कि गणेश उत्सव में जितना महत्व पूजा का होता है, उतनी ही अहम विसर्जन की पूरी प्रक्रिया भी है। आज पूरे दिन विसर्जन का कार्यक्रम चलता रहेगा। लोग जिस उल्लास के साथ बप्पा को घर में लाते हैं, उतने धूमधाम से उनके विसर्जन की प्रक्रिया को भी पूरा करते हैं। मगर इस धूमधाम और उत्साह में विसर्जन की प्रक्रिया को भी विधि विधान से पूरा करना बेहद अहम है।
विसर्जन की विधि
विसर्जन वाले दिन सुबह बप्पा की पूजा कर प्रसाद का भोग लगाएं और उसे सबमें बांट दें। गणेश जी का स्वस्तिवाचन करें। एक साफ पाटा, लकड़ी का पीढ़ा या चौकी लें और उसे गंगाजल या गौमूत्र से शुद्ध कर उस पर स्वास्तिक बनाएं। स्वास्तिक घर की महिला के जरिए ही बनाया जाए। अब पाटे के चारों कोनों पर सुपारी रखें। इसके बाद पाटे पर अक्षत रखें और एक पीला, गुलाबी या लाल कपड़ा बिछाएं। कपड़े पर गुलाब और दूसरे फूल बिछाएं। अब बप्पा को इस पाटे पर स्थापित करें। इसके बाद फल, फूल, वस्त्र, दक्षिणा, 5 मोदक आदि रखें और जोर से भगवान गणपति का जयकारा लगाएं। बप्पा को घर से बाहर ले जाते समय ध्यान रखें कि घर के लोग उनकी पीठ न देखें, उनका चेहरा ही सामने होना चाहिए।
इन बातों का भी रखें ध्यान
बप्पा को ले जाते हुए एक छोटी लकड़ी पर चावल, गेहूं, दक्षिणा और पंच मेवा की पोटली भी बनाकर साथ रखी जाती है। इसके अलावा पूरे रास्ते के लिए वह सामान भी रखे जाते हैं, जिसकी यात्रा के दौरान जरूरत पड़ सकती है। विसर्जन स्थल पर पहुंचने के बाद और विसर्जन करने से पहले एक बार फिर भगवान गणेश की आरती की जाती है। वहीं आखिर में इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि भगवान गणेश जी की प्रतिमा को पानी में फेंकें नहीं, बल्कि पूरे सम्मान और आदर भाव के साथ उन्हें और उनके साथ पूरी सामग्री को पानी में धीरे-धीरे बहा दें।
विसर्जन का समय
इस साल विसर्जन सुबह 8 बजे से ही शुरू हो जाएगा। गणेश विसर्जन 23 सितंबर को सुबह 8 बजे से शुरू होकर 12 बजकर 30 मिनट तक चलेगा। फिर दोपहर को 2 बजे से शुरू होकर साढ़े 3 बजे तक चलेगा। इसके बाद शाम को 6 बजकर 30 मिनट से फिर गणपति का विसर्जन शुरू होगा जो रात के 11 बजे तक चलेगा।