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Govatsa Dwadashi 2021: जानें- क्यों मनाई जाती है गोवत्स द्वादशी, ये है महत्व

Govatsa Dwadashi 2021: गोवत्स द्वादशी 2021 एक हिंदू त्योहार है जो धनतेरस से एक दिन पहले मनाया जाता है। 1 नवंबर को गोवत्स द्वादशी मनाई जाएगी। इस दिन गाय और बछड़ों की पूजा की जाती है। यह एक अनूठा उत्सव...

Govatsa Dwadashi 2021: जानें- क्यों मनाई जाती है गोवत्स द्वादशी, ये है महत्व
लाइव हिंदुस्तान,नई दिल्लीWed, 27 Oct 2021 10:05 PM

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Govatsa Dwadashi 2021: गोवत्स द्वादशी 2021 एक हिंदू त्योहार है जो धनतेरस से एक दिन पहले मनाया जाता है। 1 नवंबर को गोवत्स द्वादशी मनाई जाएगी। इस दिन गाय और बछड़ों की पूजा की जाती है। यह एक अनूठा उत्सव है, क्योंकि इस दिन भक्त मानव जीवन के निर्वाह में उनके योगदान के लिए पवित्र गाय का धन्यवाद और आभार व्यक्त करते हैं।

इसे नंदिनी व्रत (Nandini Vrat) के रूप में भी जाना जाता है, यह दिन अश्विन के हिंदू महीने में द्वादशी (कृष्ण पक्ष) की हिंदू तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को महाराष्ट्र में वासु बरस के रूप में भी मनाया जाता है।

गोवत्स द्वादशी 2021: महत्व

गोवत्स द्वादशी 2021 का त्योहार दिव्य गाय 'नंदिनी' को श्रद्धांजलि देता है। गाय हिंदू संस्कृति में एक अत्यंत पवित्र जानवर है और पवित्र मां के रूप में पूजनीय है क्योंकि यह हर इंसान को पोषण प्रदान करती है। इस दिन महिलाएं अपने बच्चों की खुशी और लंबी उम्र के लिए नंदिनी व्रत रखती हैं।

यह भी माना जाता है कि जो भी निःसंतान दंपत्ति इस दिन गाय की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं, उन्हें शीघ्र ही संतान की प्राप्ति होती है। इस व्रत के दौरान भक्त किसी भी डेयरी या गेहूं के उत्पादों को खाने से परहेज करते हैं।

कार्तिक कृष्ण द्वादशी को गोवत्स द्वादशी के नाम से जाना जाता है. इसे बछ बारस का पर्व भी कहते हैं. गुजरात में इसे वाघ बरस भी कहते हैं. यह एकादशी के बाद आता है. गोवत्स द्वादशी के दिन गाय माता और बछड़े की पूजा की जाती है. यह पूजा गोधुली बेला में की जाती है, जब सूर्य देवता पूरी तरह ना निकले हों.

 

 

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