करवा चौथ पूजन का समय दोपहर डेढ़ बजे से होगा शुरू, ज्योतिषाचार्य ने बताया- किस अवधि में न करें पूजा
Karwa Chauth Vrat Katha Timing 2023: करवा चौथ के दिन कुछ समय के लिए राहुकाल भी रहेगा। राहुकाल को ज्योतिष शास्त्र में अत्यंत अशुभ माना गया है। जानें करवा चौथ के दिन किस समय न करें पूजा-

Karwa Chauth Rahukaal Timing 2023: आज करवाचौथ व्रत है। इसे स्त्रित्त्यों के लिए परम सौभाग्य देने वाला बताया गया है। खास बात यह है कि इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इस योग में किए जाने वाले व्रत पूजन और सभी कार्य पूर्ण शुभ फल देने वाले होते हैं
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवाचौथ मनाया जाता है। एक नवंबर को सूर्योदयकाल से रात्रि 919 बजे तक चतुर्थी तिथि रहेगी। इसलिए करवाचौथ का व्रत एक नवंबर यानी आज रखा जाएगा। इस व्रत में विशेष रूप से भगवान श्री गणेश का पूजन होता है। विघ्नहृर्ता भगवान श्रीगणेश को चतुर्थी तिथि का अधिपति देव माना गया है।
शिव योग भी बन रहा
ज्योतिषाचार्य योगेश अवस्थी के अनुसार, इस बार चतुर्थी तिथि सर्वार्थ सिद्धि और शिव योग में होने से यह करवाचौथ और अधिक शुभ हो गया है। एक नवंबर की रात 921 बजे तक चतुर्थी समाप्त होगी। इस प्रकार पंचांगानुसार सूर्योदनी तिथि व चन्द्रोदय पर उसके बाद भी चतुर्थी तिथि का विराजमान रहना स्पष्ट करता है कि करवाचौथ का व्रत एक नवंबर का है। इस समय चंद्रमा नक्षत्र मृगशिरा, आद्रा व अपनी उच्च वृष राशि पर विचरण कर रहे होंगे, जिससे सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा होगा।
चंद्रोदय रात्रि 8:17 बजे
एक नवंबर बुधवार को चंद्रोदय रात्रि 8:17 बजे होगा। चंद्र दर्शन कर उन्हें अर्घ्य देकर स्त्रित्त्यां व्रत का परायण कर सकती हैं।
करवा चौथ व्रत में पूजन का ये है सबसे उत्तम मुहूर्त, सिर्फ 1 घंटा 18 मिनट की अवधि
दोपहर डेढ़ बजे से पूजा का समय
दोपहर 12 से 1:30 बजे के बीच राहुकाल होगा। इसलिए सुहागिन महिलाएंं दोपहर के समय कथा नहीं सुन सकती हैं। दोपहर डेढ़ बजे के बाद किसी भी समय कथा सुनी जा सकती है। संध्याकाल में करवाचौथ पूजन के लिए शाम 7:10 से 8:48 बजे के बीच शुभ चौघड़िया मुहूर्त रहेगा। शाम 7:10 बजे के बाद किसी भी समय व्रती स्त्रित्त्यां करवाचौथ पूजन कर सकती हैं।
