Karwa chauth 2019: करवा चौथ पर 70 साल में दुर्लभ संयोग बन रहा, इतने घंटे है व्रत की समयाविधि
सुहाग और अटूट प्रेम का प्रतीक करवा चौथ इस बार बेहद खास संयोग में मनाया जाएगा। महिलाएं इस दिन मंगल व रोहिणी नक्षत्र में पति की दीघार्यु की कामना करेंगी। यह संयोग 70 साल बाद आया है। इस साल व्रत की...
सुहाग और अटूट प्रेम का प्रतीक करवा चौथ इस बार बेहद खास संयोग में मनाया जाएगा। महिलाएं इस दिन मंगल व रोहिणी नक्षत्र में पति की दीघार्यु की कामना करेंगी। यह संयोग 70 साल बाद आया है। इस साल व्रत की समयाविधि भी करीब 14 घंटे की रहेगी।
करवा चौथ का व्रत इस वर्ष 17 अक्तूबर को है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 70 साल बाद बन रहा शुभ संयोग सुहागिनों के लिए फलदायी होगा। इस बार रोहिणी नक्षत्र के साथ मंगल का योग बेहद मंगलकारी रहेगा। रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा में रोहिणी के योग से मार्कंडेय और सत्याभामा योग भी इस करवा चौथ बन रहा है। क्योंकि चंद्रमा की 27 पत्नियों में रोहिणी प्रिय पत्नी है। इसलिए यह संयोग करवा चौथ को बेहद खास बना रहा है। इसका सबसे ज्यादा लाभ उन महिलाओं की जिंदगी में आएगा जो पहली बार चौथ का व्रत रखेंगी।
Karwa chauth 2019: इस करवा चौथ ऐसे होगी नक्षत्रों की स्थिति
दो शब्दों से मिलकर बना है : ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद उपाध्याय के अनुसार करवा चौथ कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। करवा चौथ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। पहला करवा और दूसरा चौथ। करवा का मतलब मिट्टी के बरतन और चौथ यानि चतुर्थी है। इस दिन मिट्टी के पात्र यानी करवों की पूजा का विशेष महत्व है।
Karwa chauth 2019: करवा चौथ पर 70 साल बाद बन रहा रोहिणी और मंगल का संयोग