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Karva Chauth 2018: करवा चौथ पर चंद्रमा के साथ गणपति को भी दें अर्घ्य

Karva Chauth 2018: कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को मनाया जाने वाला करवा चौथ इस बार 27 अक्तूबर, शनिवार को है। इस दिन व्रती विवाहित महिलाएं ध्यान रखें कि उन्हें चंद्रमा के दिखने पर ही अर्घ्य प्रदान करना...

Karva Chauth 2018: करवा चौथ पर चंद्रमा के साथ गणपति को भी दें अर्घ्य
पं. भानुप्रतापनारायण मिश्रFri, 26 Oct 2018 06:37 AM
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Karva Chauth 2018: कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को मनाया जाने वाला करवा चौथ इस बार 27 अक्तूबर, शनिवार को है। इस दिन व्रती विवाहित महिलाएं ध्यान रखें कि उन्हें चंद्रमा के दिखने पर ही अर्घ्य प्रदान करना चाहिए। इसके साथ ही गणेश और चतुर्थी माता को भी अर्घ्य देना चाहिए। 

‘मातु पिता भगिनी प्रिय भाई। प्रिय परिवारु सुहरद समुदाई॥ सासु ससुर गुर सजन सहाई। सुत सुंदर सुसील सुखदाई॥ जहं लगि नाथ नेह अरु नाते पिय बिनु तियहि तरनिहु ते ताते। तनु धनु धामु धरनि पुर राजू। पति बिहीन सबु सोक समाजू॥' 

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क्यों महत्वपूर्ण है करवा चौथ का व्रत, क्या है इसके पीछे की कथा
महान संत कवि तुलसीदास ने श्रीरामचरित मानस के अयोध्या कांड की इन महत्वपूर्ण पंक्तियों में पति-पत्नी के पावन संबंधों की सार्थक व्याख्या की है। सीता जी वन जा रहे भगवान राम से कहती हैं- माता, पिता, बहन, प्यारा भाई, प्यारा परिवार, मित्रों का समुदाय, सास,ससुर, गुरु, स्वजन, सहायक और सुंदर सुशील और सुख देने वाला पुत्र, हे नाथ! जहां तक स्नेह और नाते हैं, पति के बिना स्त्री को सभी सूर्य से बढ़ कर तपाने वाले हैं। शरीर, धन, घर, पृथ्वी, नगर और राज्य, पति के बिना स्त्री के लिए यह सब शोक का समाज है।

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करवा चौथ का व्रत गृहस्थ जीवन के लिए इसीलिए अति महत्वपूर्ण हैं। सावित्री ने इस बात की गंभीरता को समझा, तभी तो तप कर पति सत्यवान के लिए यमराज से लंबी आयु का वरदान हासिल किया। यह व्रत अमूमन महिलाएं ही करती हैं। 

पूजा का विधि-विधान
विवाहित महिलाएं इस दिन पूरा सिंगार कर, आभूषण आदि पहन कर शिव, शिवा, गणेश, मंगल ग्रह के स्वामी देव सेनापति कार्तिकेय और चंद्रमा की पूजा करती हैं। विवाहित महिलाएं पकवान से भरे दस करवे- मिट्टी के बने बर्तन, गणेश जी के सम्मुख रखते हुए मन ही मन प्रार्थना करें- ‘करुणासिन्धु कपर्दिगणेश! आप मुझ पर प्रसन्न हों।' 

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- करवे में रखे लड्डू पति के माता-पिता जी को वस्त्र, धन आदि के साथ जरूर देना चाहिए और करवे पूजा के बाद विवाहित महिलाओं को ही बांट देने चाहिए। निराहार रह कर दिन भर गणेश मंत्र का जाप करना चाहिए। 

- रात्रि में चंद्रमा के दिखने पर ही अर्घ्य प्रदान करना चाहिए। इसके साथ ही गणेश और चतुर्थी माता को भी अर्घ्य देना चाहिए। यहां ध्यान रखना है कि व्रत करने वाले केवल मीठा भोजन करें। व्रत को कम से कम 12 या 16 साल तक करना चाहिए। इसके बाद उद्यापन कर सकते हैं।

करवा चौथ

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